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अयोध्या: केंद्र ने यूपी में भेजे अर्द्धसैनिक बल,RPF ने बढ़ाई चौकसी
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भारत
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अयोध्या में तैनात अर्द्धसैनिक बलों के जवान
(फोटोः PTI)
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अयोध्या मामले में अगले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले सुरक्षा तैयारियों के तहत केंद्र ने अर्द्धसैनिक बलों के करीब 4,000 जवानों को उत्तर प्रदेश भेजा है. साथ ही रेलवे पुलिस ने अपने कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और 78 बड़े स्टेशनों तथा ट्रेनों में चौकसी बढ़ा दी है.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक कॉमन एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें उन्हें सभी संवेदनशील इलाकों में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात करने को कहा गया है. इस एडवाइजरी में नेताओं से भड़काऊ टिप्पणी नहीं करने या अफवाह नहीं फैलाने की एक बार फिर से अपील करने को कहा गया है.
गृह मंत्रालय ने राज्यों के लिए जारी की एडवाइजरी
दिल्ली में गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय ने खासतौर पर अयोध्या में कानून व्यवस्था कायम रखने में यूपी सरकार की मदद के लिये अर्द्धसैनिक बलों की 40 कंपनियां राज्य में भेजी हैं. एक कंपनी में करीब 100 कर्मी होते हैं.
सदभावना उपायों के तहत पुलिस ने हिंदू और मुस्लिम समुदायों के लोगों के बीच बैठकें कराई हैं. साथ ही, दोनों समुदायों के लोगों से शांति कायम रखने की अपील की गई है.
RPF ने भी जारी की एडवाइजरी
गृह मंत्रालय के अलावा रेलवे पुलिस ने भी सुरक्षा तैयारियों पर अपने सभी मंडलों के लिए एडवाइजरी जारी की है.
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने सभी कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. उन्हें ट्रेनों की सुरक्षा में तैनात रहने के निर्देश दिए गए हैं.
एडवाइजरी में प्लेटफॉर्म्स, रेलवे स्टेशनों, यार्ड, पार्किंग स्थल, पुलों और सुरंगों के साथ-साथ उत्पादन इकाइयों और कार्यशालाओं में सुरक्षा जैसे मुद्दों को शामिल किया गया है.
एडवाइजरी में उन स्थानों की पहचान की गई है जो किसी भी तरह की हिंसा के लिहाज से संवेदनशील हो सकते हैं या जिनका विस्फोटकों को छिपाने में इस्तेमाल किया जा सकता है.
आरपीएफ कर्मी सभी ट्रेनों में तैनात रहेंगे और उन्हें आधुनिक उपकरण दिए जांएगे. खोजी कुत्तों की मदद ली जाएगी और गहन सुरक्षा जांच की जाएगी.
रेल पटरियों, पुलों और सुरंगों पर सभी संवदेनशील स्थानों पर गश्त दी जाएगी.
आरपीएफ की एडवाइजरी में कहा गया है कि रेलवे स्टेशनों के पास और उसके दायरे में आने वाले धार्मिक ढांचों पर करीब से नजर रखी जाए क्योंकि वहां हिंसा ‘‘भड़कने की ज्यादा आशंका’’ है.
दिल्ली, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के स्टेशनों समेत करीब 78 बड़े स्टेशनों की पहचान की गयी है जहां अधिक संख्या में यात्री आते हैं और यहां आरपीएफ कर्मियों की मौजूदगी बढ़ायी गयी है.
एडवाइजरी में पहले के उस आदेश को भी रद्द किया गया है जिसमें स्टेशनों को वहां कोई ट्रेन न होने पर बिजली बचाने के लिए करीब 30 प्रतिशत रोशनी कम रखने की अनुमति दी गयी थी. एडवाइजरी में सभी मंडलों को हर वक्त 100 फीसदी रोशनी रखने का निर्देश दिया गया है.
एडवाइजरी में कहा गया है कि अगर रेलवे परिसरों पर भीड़ देखी जाती है तो त्वरित कार्रवाई बल मौजूद रहें, प्रवेश और निकासी द्वारों को सील कर दिया जाए. साथ ही सीसीटीवी कैमरों से परिसरों की निगरानी करने के निर्देश भी दिए गए हैं.
सभी मंडलों को बैग की जांच करने वाले उपकरणों, सीसीटीवी कैमरों की मरम्मत कराने और लॉबियों और प्रतीक्षा क्षेत्रों जैसे भीड़भाड़ वाले हिस्सों पर लगातार नजर रखने के लिए भी कहा गया है.
रेलवे मंडलों से यह भी कहा गया है कि वह सुनिश्चित करें कि मालगाड़ियों के सभी खाली पड़े डिब्बे बंद हों क्योंकि असमाजिक तत्व छिपने के स्थान के तौर पर उनका इस्तेमाल कर सकते हैं.