advertisement
राजनीति का अखाड़ा बन चुकी अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की धर्मसभा शुरू हो चुकी है. जिसमें कई हिंदू संगठनों के लाखों लोग और संत हिस्सा ले रहे हैं. पहले ही सैकड़ों की तादाद में लोग यहां पहुंच चुके थे. यह देखते हुए पूरी अयोध्या नगरी को एक किले में तब्दील कर दिया गया है. पूरे इलाके की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरे भी लगाए गए हैं.
विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने 25 नवंबर को आयोजित होने वाली धर्मसभा से पहले गुरुवार को अयोध्या में जागरुकता रैली निकाली. ये रैली रिकाबगंज, चौक, फतेहगंज, नाका, जनौरा होते हुए बड़ा भक्तमाल की बगिया पहुंची. बता दें कि इसी भक्तमाल की बगिया में वीएचपी की धर्मसभा होनी है.
अयोध्या धर्मसभा में शामिल होने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से लोगों के पहुंचने की संभावना है. गुरुवार को महाराष्ट्र के ठाणे से शिवसैनिक ट्रेन के जरिए अयोध्या के लिए रवाना हुए.
अयोध्या की विवादित जमीन पर राम मंदिर निर्माण के लिए जहां विश्व हिंदू परिषद धर्मसभा करने जा रही है, वहीं अब रामलला के मंदिर के लिए उस धरती पर अश्वमेध महायज्ञकिए जाने की घोषणा कर दी गई है. विश्व वेदांत संस्थान 1 से छह दिसंबर तक अश्वमेध महायज्ञ करने जा रहा है.
संस्थान के संस्थापक आनंदजी महाराज ने बताया कि राम मंदिर निर्माण का आंदोलन दिन पर दिन प्रबल होता जा रहा है. अब इसे जनआंदोलन बनने से कोई रोक नहीं सकता. अयोध्या में राम मंदिर तो बनकर रहेगा.
उन्होंने कहा कि साधु-संत और भारत की आम जनता इसके लिए कमर कस चुकी है. अयोध्या में होने जा रहा अश्वमेध महायज्ञ राम मंदिर की दिशा में पहला कदम है.
अयोध्या की धर्मसभा को लेकर यूपी सरकार चौकन्नी हो गई है. अयोध्या के प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है. सतर्कता बरतते हुए सरकार ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को अयोध्या के रामकथा पार्क में सभा करने की इजाजत नहीं दी है.
प्रदेश सरकार के सामने अयोध्या में भीड़ को नियंत्रित करने और विवादित स्थल के नजदीक न जाने देने की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है.
वीएचपी ने देश के अलग-अलग इलाकों से ट्रेनों, बस और ट्रैक्टर ट्रॉलियों से लोगों को 'धर्मसभा' के लिए बुलाना शुरू कर दिया है. रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं. अयोध्या में धारा 144 लगाई जा चुकी है. आज अयोध्या में स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे. शहर की करीब 50 स्कूलों में सुरक्षाबलों के कैंप लगाए गए हैं.
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अयोध्या के लिए मुंबई से रवाना हो गए हैं.
अयोध्या राम मंदिर को लेकर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने बयान दिया है. मायावती का कहना है कि सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए राम मंदिर के मुद्दे को उठा रही हैं. अगर मंदिर बनाने को लेकर उनकी नीयत साफ होती तो वो 5 साल तक इंतजार न करवाते. ये उनकी राजनीतिक रणनीति है, बाकी और कुछ नहीं. शिवसेना और वीएचपी जैसे उनके साथी मिलकर ये साजिश रच रहे हैं.
लक्ष्मण किले पर होने वाले प्रोग्राम की सारी तैयारियां पूरी, कई साधु संत पहुंचे
अयोध्या में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी की आवास की सुरक्षा बढ़ाई गई. मुख्य मार्ग से आवास की तरफ जाने वाली सड़क को किया गया सील. घर के दोनों तरफ आरएएफ की कंपनी तैनात कर दी गई साथ ही सिविल पुलिस को भी तैनात कर दिया गया है.
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अयोध्या के लक्ष्मण किला मैदान पहुंचकर आशीर्वाद सभा के लिए अपने परिवार के साथ गणेश पूजन में शामिल हुए. सभा में संतों के साथ बड़ी संख्या में शिवसैनिक मौजूद हैं. ठाकरे के अयोध्या पहुंचते ही शहर को पूरी तरह सील कर दिया गया है.
लक्ष्मण किला में पूजा करने के बाद शिवसैनिकों और साधु संतों को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि वो कोई राजनीति करने नहीं आए हैं बल्कि सोए हुए कुंभकर्ण को जगाने आए हैं.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट विंग ने धर्मसभा के मामले में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप की मांग की है. विंंग का कहना है कि मामला अभी कोर्ट में है, इसके बावजूद राम मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद धर्मसभा का आयोजन कर रहा है.
शुक्रवार को की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्टूडेंंट विंग ने जानकारी दी कि वे मामले को लेकर चीफ जस्टिस, उत्तर प्रदेश के गवर्नर और मुख्यमंत्री को कानून व्यवस्था के मद्देनजर लेटर लिख रहे हैं.
आमिर के मुताबिक,अगर प्रदेश में शांति व्यवस्था भंग होती है, तो यह माना जाएगा कि केंद्र और राज्य ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के क्षेत्राधिकार का हनन किया है. आमिर ने चीफ जस्टिस से मांग की कि वे मंदिर के बहाने भारत के संविधान के साथ होने वाली छेड़छाड़ को रोकें.
राम मंदिर निर्माण के लिए शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने चांदी की ईंट संतो को सौंपी.
उद्धव ठाकरे ने अपने परिवार के साथ सरयू नदी के किनारे महाआरती की.
शनिवार को अयोध्या मसले पर कानून व्यवस्था के मद्देनजर सीएम योगी आदित्यनाथ ने सीनियर ऑफिशियल्स के साथ मीटिंग में चर्चा की. इसमें डीजीपी, मुख्य गृह सचिव, एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) और दूसरे अधिकारी मौजूद थे.
राम मंदिर के मुद्दे पर अयोध्या पहुंचे हुए शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि मोदी सरकार को राम मंदिर के लिए अध्यादेश लेकर आना चाहिए, शिवसेना उनका साथ देगी. ठाकरे ने कहा कि आज की सरकार बहुत ज्यादा मजबूत है तब भी राम मंदिर का निर्माण क्यों नहीं हो रहा है. उद्धव ठाकरे ने मोदी सरकार को लगभग धमकाते हुए लहजे में कहा कि, “ अगर मंदिर नहीं बना सकते हो तो कहो कि हमसे नहीं हो पाएगा. मंदिर नहीं बना सकते हो तो कह दो कि वो चुनावी जुमला था. मंदिर नहीं बना तो ये सरकार भी नहीं बनेगी. ”
अयोध्या में लगातार बढ़ रही लोगों की भीड़ और ''सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की आशंका'' के खिलाफ शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल उनके नेतृत्व में राज्यपाल को ज्ञापन देने के लिए निकल रहा है. इसके बाद शिवपाल अपने कार्यकर्ताओं के साथ विरोध प्रदर्शन भी कर सकते हैं.
अयोध्या पर बोले बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह, राम मंदिर मुद्दे को कैसे हाइजैक कर सकती है शिवसेना. उन्होंने शिवसेना पर उत्तर भारतीयों पर हमले करवाने का आरोप लगाते हुए कहा, जो मानवता की सेवा नहीं कर सकते हैं वो भगवान राम की सेवा कैसे कर सकते हैं.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत राम मंदिर को लेकर नागपुर में शाम 4 बजे से वीएचपी की हुंकार रैली को संबोधित करेंगे. उनके अलावा विहिप कार्याध्यक्ष आलोक कुमार, साध्वी ऋतंभरा और शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती भी रैली को संबोधित करेंगे.
अयोध्या मामले पर पीएम मोदी ने भी बयान दिया है. उन्होंने अलवर में अपनी चुनावी रैली में कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट का कोई जज अयोध्या जैसे गंभीर संवेदनशील मसलों में देश को न्याय दिलाने की दिशा में सबको सुनना चाहते हैं तो कांग्रेस के राज्य सभा के वकील जजों के खिलाफ महाभियोग लाकर उन्हें डराते-धमकाते हैं. हालांकि पीएम ने आयोध्या में चल रही धर्मसभा का जिक्र नहीं किया.
उत्तर प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) आनंद कुमार बोले, अयोध्या को दो जोन में बांटा गया है. सुरक्षा की पुरी योजना लागू कर दी गई है. रेड जोन और येलो जोन दो मेन सुरक्षा घेरे हैं. राज्य की पुलिस और प्रशासन सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट की तरफ से दिए गए निर्देशों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
शिवपाल यादव ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर कहा, कि राम मंदिर का मामला सुप्रीम कोर्ट में है, हमें या तो आदेश का इंतजार करना चाहिए या फिर आम सहमति बनाने का रास्ता ढूंढ़ना चाहिए. सरकार के पास बहुत जमीन है, राम मंदिर सरयू नदी के किनारे भी बनाया जा सकता है. विवादित जमीन पर कोई भी बात नहीं होनी चाहिए.
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने इच्छा जताई है कि विवादित जमीन पर राम मंदिर ही बने. टीवी न्यूज चैनल आजतक से बातचीत में कहा, ‘राम मंदिर को राजनीति से न जोड़ें, इस मुद्दे से न भटकाएं.’ वहीं विवादित स्थल के बारे में बोलते हुए शंकराचार्य ने कहा कि विवादित स्थल पर मस्जिद थी ही नहीं, ढांचा तोड़कर भ्रम फैलाया गया.’
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)