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समाजवादी पार्टी(SP) के वरिष्ठ नेता आजम खान(Azam Khan) ने अपनी पार्टी से नारजगी पर कहा है कि मैं नाराज होने की हैसियत में नहीं हूं, मैं तो एक गरीब आदमी हूं. उन्होंने आगे कहा कि मुझे जो प्रोटेक्शन मिला है, वह न्यायपालिका से मिला है. इसलिए जो मुझ से जेल में मिलने आए और जो किसी वजह से नहीं आए, मैं दोनों का शुक्रिया अदा कर रहा हूं. इस दौरान आजम खान ने कहा कि मैं किसी पर कमेंट नहीं कर रहा हूं.
लखनऊ में रविवार को सपा के मुख्यालय पर विधायक दल की बैठक बुलाई गई, जिसमें आजम खान शामिल नहीं हुए. इस बैठक में अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव भी नहीं पहुंचे. आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला रामपुर में थे, जबकि शिवपाल लखनऊ में थे, लेकिन फिर भी बैठक में शामिल नहीं हुए.
उनकी रिहाई में समाजवादी पार्टी के कुछ न किए जाने पर जब उनसे पूछा तो आजम खान ने बताया कि जो लोग ऐसा कह रहे हैं उसे मैं सरे से नकार रहा हूं. जो जितना कर सके मेरे लिए उन्होंने किया. उन्होंने आगे बताय कि दूसरे राजनीतिक दलों के नेताओं ने और रामपुर के लोगों ने माना है कि मेरे साथ जुर्म और नाइंसाफी हुई है.
उन्होंने आगे बताया कि वो एक एजेंडा था, क्या कोई पूरे भारतवर्ष में इस बात पर यकीन कर लेगा की यूनिवर्सिटिज और स्कूलों का मालिक, जिसके सिर्फ2 ही बैंक खाते हैं. बाकी जो कुछ है वो सब ले लें सरकार. अगर वो नंबर एक माफिया है तो माफिया की परिभाषा तय करनी होगी.
आपको बता दें, आजम खान के खिलाफ रामपुर में जमीन हड़पने सहित 88 मामले दर्ज हैं और 20 मई को सुप्रीम कोर्ट की ओर से धोखाधड़ी के एक मामले में अंतरिम जमानत देने के बाद उन्हें सीतापुर जेल से रिहा कर दिया गया था
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