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उत्तरप्रदेश के बागपत से एक ऐसी खबर सामने आई है जो यूपी पुलिस का हैवानियत भरा चेहरा सामने लेकर आती है. पुलिस पर आरोप है कि उन्होंने एक अज्ञात शव को कूड़े-कचरे के साथ जला लिया और अंतिम संस्कार के लिए जो उन्हें 2700 रुपए डिपार्टमेंट से मिले थे वो उन्होंने अपनी जेब में रख लिए.
शव का अंतिम संस्कार करने के लिए डिपार्टमेंट की ओर से 2700 रुपए दिए गए थे, जिनमें से 300 रुपए कफन के लिए, 400 रुपए शव को श्मशान ले जाने के लिए और 2000 रुपए अंतिम संस्कार के लिए शामिल थे.
बागपत के सिसाना गांव के जंगल में चार दिन पहले नलकूप के हौज में अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था. शिनाख्त न होने पर पुलिस ने 72 घंटे बाद शव का अंतिम संस्कार करने का फैसला किया. कोतवाली में तैनात हेड कॉन्स्टेबल जयवीर सिंह को शव का अंतिम संस्कार करने के लिए भेजा गया.
गौर करने वाली बात ये कि यूपी पुलिस के कर्मचारियों ने जिस तरह की हरकत की है वो सिर्फ भ्रष्टाचार को ही उजागर नहीं करती बल्कि पुलिस के अमानवीय चेहरे को भी सबके सामने लेकर आती है. मरे हुए इंसान के हक के पैसे भी हड़प लेने वाली यूपी पुलिस जिंदा लोगों के साथ कैसे पेश आती होगी, इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं.
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