advertisement
आदिवासियों से जुड़ने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस ने एक अनूठा तरीका अपनाया है. राज्य के बेहद पिछड़े और सघन आदिवासी इलाके अबूझमाड़ में पुलिस ने एक मिनि थियेटर बनाया है. नक्सल प्रभावित बसिंग गांव में बने इस थियेटर के जरिए आदिवासियों का मनोरंजन किया जाएगा और इसका उपयोग उन्हें शिक्षित करने में भी किया जाएगा.
यह थियेटर कुल मिलाकर 13 गांव के लोगों का मनोरंजन करेगा. नारायणपुर जिले के एसपी जितेंद्र शुक्ला ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया,
केंद्र सरकार नक्सल प्रभावित जिलों को स्पेशल सेंट्रल असिस्टेंस के तहत 30 करोड़ रुपये दे रही है. इसी फंड से मिनी थियेटर बनाया गया है. इसमें करीब 15 लाख रुपये का खर्च आया है. इलाके में 7 थियेटर और बनाए जाएंगे.
शुक्ला के मुताबिक इसके जरिए आदिवासियों को बाहरी दुनिया से जोड़ने की कोशिश की जा रही है. आदिवासी माओवादी गतिविधियों के कारण दुनिया से कट गए हैं.
अबूझमाड़ में टीवी और मोबाइल फोन लगभग न के बराबर हैं. अबूझमाड़ में कुछ अतिपिछड़ी जनजातियां रहती हैं. उनके पास साप्ताहिक बाजार के अलावा कोई भी चीज मनोरंजन के लिए नहीं है. यहां तक कि नारायणपुर जिला मुख्यालय में भी सिनेमा घर नहीं है.
थियेटर में एक गेमिंग जोन भी बनाया जा रहा है. इसमें लोग टेबिल टेनिस, कैरम और चेस खेल सकेंगे. थियेटर को मैनेज करने के लिए युवाओं की एक टीम बनाई जाएगी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)