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SSC पेपर लीक मामले में गिरफ्तार तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष बंदी संजय कुमार (Bandi Sanjay Kumar Bail) को गुरुवार, 6 अप्रैल को वारंगल की एक मजिस्ट्रेट अदालत से 20,000 रुपये के मुचलके की शर्त पर जमानत मिली. इसके बाद वे शुक्रवार की सुबह तेलंगाना के करीमनगर जेल से रिहा होकर बाहर आ गए.
संजय कुमार इस मामले में मुख्य आरोपी हैं और उन पर "SSC प्रश्नपत्र की कॉपी बनाने और लीक करने की साजिश" का आरोप है.
कोर्ट ने बंदी संजय कुमार को देश नहीं छोड़ने को भी कहा है. कोर्ट ने निर्देश दिया है कि उन्हें जांच में सहयोग करना चाहिए और गवाह को धमकी नहीं देनी चाहिए.
इससे पहले दिन के दौरान, तेलंगाना के हाई कोर्ट ने 5 अप्रैल को वारंगल मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा आदेशित रिमांड को रद्द करने से इनकार कर दिया था. बंदी संजय कुमार को 19 अप्रैल तक रिमांड पर लिया गया है. हाई कोर्ट ने तब बंदी संजय कुमार की कानूनी टीम को जमानत के लिए मजिस्ट्रेट अदालत का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया.
बता दें कि SSC तेलंगाना की दसवीं कक्षा की राज्य बोर्ड परीक्षा है. इसके दो प्रश्नपत्र - तेलुगु और हिंदी - 3 और 4 अप्रैल को लीक हुए थे. वारंगल पुलिस ने एक मामला दर्ज किया और मामले की जांच की. दूसरा लीक कथित तौर पर जिले के कमलापुर में एक सरकारी लड़कों के स्कूल में हुआ था.
बंदी संजय कुमार को पहली बार निवारक गिरफ्तारी पर रखा गया था, जब वह करीमनगर में अपने आवास पर थे. इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. करीमनगर पुलिस ने दावा किया कि यह गिरफ्तारी उन्हें SSC परीक्षा के संचालन पर आक्षेप लगाकर "दहशत पैदा करने" से रोकने के लिए की गई थी.
वारंगल पुलिस के अनुसार, SSC हिंदी का प्रश्न पत्र 16 वर्षीय एक छात्र द्वारा लीक किया गया था, जिसने कथित तौर पर पेपर की तस्वीरें प्रशांत को भेजीं, जिन्होंने बाद में इसे कई लोगों को भेजा. प्रशांत एक पूर्व पत्रकार हैं जो वर्तमान में एक संगठन नमो के बैनर तले राजनीतिक प्रचार करते हैं.
बंदी संजय कुमार पर अब उम्मीदवारों और आम जनता के बीच दहशत पैदा करने के लिए SSC प्रश्न पत्र को कॉपी और लीक करने की साजिश का आरोप है. बीजेपी और बंदी संजय कुमार ने आरोपों का जोरदार खंडन किया है, और सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार पर पुलिस का राजनीतिक इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है.
बंदी संजय कुमार बीआरएस के मुखर आलोचक रहे हैं और उन्होंने सरकार पर SSC प्रश्न पत्र लीक होने देने का आरोप लगाया था. इस बीच, बीआरएस के वरिष्ठ नेताओं ने संजय कुमार पर सरकार को बदनाम करने के लिए लीक को अंजाम देने का आरोप लगाया है.
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