advertisement
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में, एक भीड़ को मुंबई के बांद्रा टर्मिनस (Bandra Terminus) पर एक नाबालिग मुस्लिम लड़के की पिटाई (Muslim Boy Assaulted) करते हुए देखा जा रहा है. इस लड़के को एक नाबालिग हिंदू लड़की के साथ देखा गया था. लड़की के परिवार ने उसके अपहरण की सूचना दी थी.
यह घटना 21 जुलाई को हुई जब ठाणे के अंबरनाथ के रहने वाले लड़के और लड़की को लड़की के परिवार ने बांद्रा टर्मिनस पर ट्रेस कर लिया. हालांकि, 15 अगस्त को ये वीडियो अचानक वायरल हो गया.
लड़की की उम्र 16 साल होने की पुष्टि की गई है लेकिन लड़के की सही उम्र अभी तक स्पष्ट नहीं है. यह भी स्पष्ट नहीं है कि दोनों एक-दूसरे को कैसे जानते थे.
रेलवे पुलिस ने बुधवार, 16 अगस्त को दंगा और गैरकानूनी रूप से जमा होने के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई धाराओं के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की.
15 अगस्त को वायरल हुए वीडियो में भीड़ को लड़के की पिटाई करते और 'जय श्री राम' और लव जिहाद के खिलाफ नारे लगाते हुए देखा जा सकता है.
इसके बाद भीड़ ने लड़के को रेलवे स्टेशन से बाहर खींच लिया और उसे बांद्रा के निर्मल नगर पुलिस स्टेशन को सौंप दिया.
द क्विंट को मिली शिकायत रिपोर्ट में, नाबालिग के 22 वर्षीय भाई ने कहा है कि लड़की शाम 4:30 बजे माता-पिता को यह बताकर घर से निकली कि वह अपनी कंप्यूटर क्लास जा रही है, लेकिन शाम 7:00 बजे तक वापस नहीं लौटी.
उसके माता-पिता ने उसके दोस्तों और परिवार के अन्य सदस्यों से बात करने के बाद मदद के लिए पुलिस से संपर्क करने का फैसला किया.
अंबरनाथ पुलिस ने एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 363 (अपहरण की सजा) के तहत शिकायत दर्ज की है.
द क्विंट से बात करते हुए डीसीपी गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी) संदीप भजीभाकरे ने कहा कि लड़के के पिता से बात करने के बाद मारपीट के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है.
स्क्रॉल.इन की एक रिपोर्ट बताती है कि लड़की कहां है, इसकी जानकारी मिलने के बाद उसके परिवार के कुछ सदस्य अन्य कुछ लोगों के साथ बांद्रा टर्मिनस पहुंचे थे.
एफआईआर आईपीसी की निम्नलिखित धाराओं के तहत दर्ज की गई है:
धारा 141 (गैरकानूनी रूप से जमा होना)
धारा 142 (गैरकानूनी सभा का सदस्य होना)
धारा 143 (गैरकानूनी रूप से जमा होने के लिए सजा)
धारा 146 (दंगा)
धारा 147 (दंगा करने के लिए सजा)
धारा 149 (विधिविरुद्ध जनसमूह का हर सदस्य, समान लक्ष्य को पाने में किए गए अपराध का दोषी)
धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए सजा)
(इनपुट्स - आलिम शेख और नाज़िया )
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)