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उत्तर प्रदेश में बरेली की बिथरी चैनपुर सीट से बीजेपी विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल एक बार फिर सुर्खियों में है.
बरेली शहर में दो दिन पहले श्मशान में खुदाई के दौरान मटके में एक नवजात बच्ची दबी मिली थी. इस बच्ची को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अब बीजेपी विधायक पप्पू भरतौल ने बच्ची के पालन-पोषण की जिम्मेदारी ली है. विधायक पप्पू भरतौल ने बच्ची का नाम सीता रखा है.
बिथरी चैनपुर सीट से विधायक राजेश मिश्रा ने कहा, "सरकार की 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना के तहत हम इस बच्ची का सारा खर्चा उठाएंगे. इसकी शिक्षा और पालन-पोषण की जिम्मेदारी निभाएंगे."
शनिवार को कुछ लोग अपने परिवार में मृत बच्चे को दफनाने के लिए शहर के श्मशान में लेकर पहुंचे थे. ये लोग मृत बच्चे को दफनाने के लिए गड्ढा खोद रहे थे, इसी दौरान जमीन से एक मटका निकला. जब मटके को खोलकर देखा गया, तो उसमें जीवित बच्ची नजर आई. आनन-फानन में बच्ची को इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया. हालांकि, अब तक ये पता नहीं चल पाया है कि किसने जिंदा बच्ची को मटके में रखकर जमीन में दफन कर दिया था.
विधायक राजेश मिश्रा को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, वह तुरंत जिला अस्पताल पहुंचे. इसके बाद उन्होंने ऐलान किया कि वह इस बच्ची की परवरिश की जिम्मेदारी लेते हैं.
मीडिया से बात करते हुए विधायक ने बच्ची का नाम सीता रखने की वजह भी बताई. उन्होंने कहा-
राजेश मिश्रा ने बच्ची को बेसहारा छोड़कर चले जाने वालों को भी नसीहत दी है. उन्होंने कहा, किसी भी बच्चे को इस तरह छोड़कर नहीं जाना चाहिए. अगर वह नहीं पाल सकते, तो किसी दूसरे व्यक्ति को देना चाहिए. इस देश में बच्चों को पालने वाले लोगों की कमी नहीं है.
बता दें, इससे पहले विधायक राजेश मिश्रा उस वक्त सुर्खियों में आए थे, जब उनकी बेटी साक्षी मिश्रा ने दूसरे समुदाय के लड़के के साथ शादी कर ली थी. साक्षी ने शादी करने के बाद एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने खुद को और अपने पति अजितेश को अपने पिता और बीजेपी विधायक पप्पू भरतौल से जान का खतरा बताया था.
यह मामला मीडिया में खूब उछला था. इस दौरान बीजेपी विधायक ने मीडिया के सामने आकर सफाई दी थी कि उनकी बेटी साक्षी मिश्रा को उनसे कोई खतरा नहीं है और वह अपने फैसले खुद लेने के लिए स्वतंत्र है.
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