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देश ने बीते 26 जनवरी को 71वां गणतंत्र दिवस मनाया. इस दिन राजपथ पर सुबह 10 बजे नेशनल सल्यूट के साथ शुरू हुई यह परेड, करीब 90 मिनट तक चली. गणतंत्र दिवस के तीन दिन यानी 29 जनवरी को बीटिंग रिट्रीट (Beating Retreat 2020) समारोह मनाते हैं. बीटिंग रिट्रीट (Beating Retreat 2020) समारोह को गणतंत्र दिवस (Republic Day 2020) के जश्न के समापन के रुप में मनाते हैं. बीटिंग रिट्रीट को विजय चौक पर आयोजित किया जाता है. बीटिंग रिट्रीट में भारतीय सेना अपनी ताकत और संस्कृति का प्रदर्शन करती हैं. इस दौरान थल सेना, वायु सेना और नौसेना के बैंड पारंपरिक धुन बजाते हुए मार्च भी करते हैं. आज हम आपको बता रहे हैं बीटिंग रिट्रीट से जुड़ी कुछ खास बातें-
बीटिंग रिट्रीट का आयोजन राष्ट्रपति भवन रायसीना हिल्स में किया जाता है, जिसके चीफ गेस्ट राष्ट्रपति होते हैं. रिपब्लिक डे से लेकर बीटिंग रिट्रीट यानी (26 जनवरी से 29 जनवरी तक) राष्ट्रपति भवन समेत सभी सरकारी भवनों की सजावट की जाती है.
बीटिंग रिट्रीट की शुरुआत में तीनों सेनाओं (जल सेना, वायु सेना और थल सेना) के बैंड एक साथ पारंपरिक धुन बजाते हैं.
रिपब्लिक डे सेरेमनी के अलावा बीटिंग रिट्रीट (फुल डे रिहर्सल) के लिए भी टिकट उपबल्ध कराई जाती है. बीटिंग रिट्रीट के लिए टिकट 28 जनवरी तक ही उपलब्ध हैं. बीटिंग रिट्रीट की टिकट कीमतें 20 रुपये और 50 रुपये हैं. बीटिंग रिट्रीट के टिकट किन-किन जगहों पर उपलब्ध हैं, जानने के लिए यहां क्लिक करें.
आखिरी में बैंड मास्टर राष्ट्रपति के पास जाकर बैंड की विदाई की अनुमति मांगते हैं. जब राष्ट्रपति की इजाजत मिल जाती है तो इसका मतलब होता है कि गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों का समापन हो गया है. बैंड की वापसी के समय वह 'सारे जहां से अच्छा' की लोकप्रिय धुन बजाते हैं. शाम को ठीक 6 बजे बगलर्स रिट्रीट की धुन बजाते हैं और तिरंगे को उतार लिया जाता है.
भारत का संविधान लागू होने के बाद से अब तक गणतंत्र बनने के बाद बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम को दो बार रद्द किया गया है. पहला 26 जनवरी 2001 को गुजरात में आए भूकंप के कारण और दूसरी बार ऐसा 27 जनवरी 2009 को देश के आठवें राष्ट्रपति वेंकटरमन का लंबी बीमारी के बाद निधन के बाद रद्द किया गया था.
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