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बीटिंग रिट्रीट (Beating Retreat Ceremony) को गणतंत्र दिवस के समारोह के समापन के रूप में मनाते हैं. इस कार्यक्रम में थलसेना, वायुसेना और जलसेना के बैंड पारंपरिक धुन के साथ मार्च करते हैं. हर साल गणतंत्र दिवस के तीसरे दिन यानि 29 जनवरी को बीटिंग रिट्रीट का आयोजन किया जाता है. बीटिंग रिट्रीट विजय चौक पर आयोजित होती है. इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति बतौर मुख्य अतिथि शामिल होते हैं.
बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी बहुत पुरानी है. इसका असली नाम वॉट सेटिंग है. इसे सूरज ढलने के बाद मनाते हैं. भारत में बीटिंग रिट्रीट की शुरुआत साल 1950 में हुई थी. 1950 के बाद बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम को दो बार कैसिंल करना पड़ा था. पहली बार 26 जनवरी 2001 को गुजरात में आए भूकंप के कारण और दूसरी बार 27 जनवरी 2009 को 8 वें राष्ट्रपति वेंकटरमन का लंबी बीमारी के बाद निधन होने के कारण रद्द हुआ था.
अगर आप भी बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम को ऑनलाइन देखना चाहते हैं तो जानिए कब और कैसे देख सकते हैं ऑनलाइन लाइव प्रसारण-
बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी शाम 6 बजे से शुरू होती है.
बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी को दिल्ली के विजय चौक पर आयोजित किया जाता है.
दूरदर्शन के यू-ट्यूब चैनल www.youtube/DoordarshanNational पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी को देखा जा सकता है. इसके अलावा इस सेरेमनी को ट्विटर www.twitter.com/DDNational पर, फेसबुक www.facebook.com/DoordarshanNational पर और इंस्टाग्राम www.instagram.com/ddnationalofficial पर भी लाइव देखा जा सकता है.
बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का लाइव प्रसारण दूरदर्शन और डीडी न्यूज पर किया जाएगा.
बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी की शुरुआत में तीनों सेनाओं के बैंड एक साथ मिलकर धुन बजाते हैं और इसी के साथ बीटिंग द रिट्रीट (Beating Retreat) सेरेमनी शुरू होती है. इसके अलावा ड्रमर्स महात्मा गांधी की पसंदीदा धुनों में से एक एबाइडिड विद मी बजाते हैं. इसके बाद बैंड मास्टर राष्ट्रपति के पास जाते हैं और बैंड वापस जाने की अनुमति मांगते हैं. बैंड मार्च वापस जाते समय 'सारे जहां से अच्छा...' की धुन बजाई जाती है. इस सेरेमनी में शाम 6 बजे बगलर्स रिट्रीट की धुन बजाते हैं और राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को उतार लिया जाता हैं, साथ ही राष्ट्रगान गाया जाता है. इस तरह से गणतंत्र दिवस के सेलिब्रेशन का औपचारिक रूप से समापन होता है.
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