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पश्चिम बंगाल (West Bengal) के हावड़ा जिले में रामनवमी के जुलूस पर कथित हमले के बाद इलाके में बढ़ा तनाव अगले दिन भी बना रहा. इलाके से शुक्रवार को पथराव की ताजा घटनाएं सामने आई हैं. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस से बात की है और हावड़ा में हिंसा भड़कने की स्थिति का जायजा लिया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार दोपहर करीब 1.30 बजे भीड़ ने इलाके में तैनात पुलिसकर्मियों पर पथराव किया और दुकानों और वाहनों पर पथराव किया. जबकि सुबह स्थिति शांतिपूर्ण दिख रही थी और पुलिस अधिकारियों ने इलाके में मार्च निकाला था.
रिपोर्ट के अनुसार एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “अब तक, 36 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. स्थिति को नियंत्रण में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं, ” उन्होंने जानकारी दी कि शिबपुर पुलिस स्टेशन के दोनों ओर से पथराव किया गया और गंगा गार्डन अपार्टमेंट के पास काजीपारा और पीएम बास्ट के बीच के इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने दावा किया कि रामनवमी पर हावड़ा में हुई हिंसा के लिए बीजेपी और अन्य दक्षिणपंथी संगठन जिम्मेदार हैं. उन्होंने लोगों से इलाकें में शांति बनाए रखने की अपील की है.
ABP Ananda की रिपोर्ट के मुताबिक ममता बनर्जी ने कहा कि हावड़ा की घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. इस हिंसा के पीछे न तो हिंदू थे और न ही मुसलमान. बीजेपी बजरंग दल और ऐसे अन्य संगठन इसमें शामिल थे.
बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि केवल हावड़ा नहीं पूरे बंगाल में भय का वातावरण बना हुआ था...ममता बनर्जी जो भाषण दे रही थी वो देश को शर्मसार करने वाला है. तुष्टीकरण की हद है. जिस समय उनका बयान आया उसके बाद ही आगजनी की खबरें शुरू हुई. बंगाल में ममता बनर्जी ने ऐसा माहौल बना दिया है, जैसे इस्लामिक स्टेट हो.
बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि पुलिस अपना काम नहीं कर रही है, वे मूक दर्शक हैं. वे कुछ नहीं कर रहे हैं. हिंदुओं के सभी घरों में तोड़फोड़ की गई है. काजीपारा इलाके के सभी हिंदुओं को अपनी जान बचाने के लिए भागना पड़ा.
बीजेपी बंगाल के अध्यक्ष डॉ. सुकांत बनर्जी ने ट्वीट किया है कि, “पश्चिम बंगाल में विभिन्न स्थानों पर रामनवमी के जुलूस पर कल का हमला और आगजनी सीएम ममता बनर्जी के रामनवमी के आयोजकों के खिलाफ भड़काऊ बयानों का सीधा परिणाम है. हम स्पष्ट रूप से पश्चिम बंगाल पुलिस को दंगाइयों के साथ खड़े और चुपचाप देखते हुए देख सकते हैं.”
रामनवमी के जुलूस को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है, जिसमें मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई है. राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुवेंदु अधिकारी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्यकी खंडपीठ में एक जनहित याचिका दायर कर गुरुवार की झड़पों की सीबीआई जांच की मांग की है.
जनहित याचिका को स्वीकार कर लिया गया है और मामले की सुनवाई 3 अप्रैल को होगी. मामले की सीबीआई जांच की मांग के अलावा, विपक्ष के नेता ने इस गिनती पर अशांत इलाकों में केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती की भी मांग की थी.
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि बंगाल के चुनाव हो तो उसके बाद भी हजारों लोगों के ऊपर पथराव, आगजनी, बम फेंकना ये आम बात बन गई है. ममता बनर्जी के राज में जिस तरह से पत्रकारों पर हमले हुए, रामनवमी की शोभायात्रा पर पथराव हुआ है, इससे ज्यादा शर्मनाक क्या होगा. जो लोग प्रेस की स्वतंत्रता की बात करते हैं वो आज चुप क्यों हैं?
कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सांसद होने के नाते मैं ऐसी घटना पर दुख और चिंता व्यक्त करता हूं. हमारी संस्कृति एक दूसरे के त्योहारों का सम्मान करने वाली है. राज्य सरकार को ऐसी घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं है.
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