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रविवार से इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भारत दौरे पर आ रहे हैं. सात महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल की यात्रा की थी. यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला इजरायल दौरा था. 1992 तक तो भारत ने इजरायल के साथ राजनयिक संबंध ही नहीं बनाए थे. तो समझा जा सकता है कि गुजरते वक्त के साथ दोनों देशों के बीच संबंध किस तरह से मजबूत हो रहे हैं. यहां हम आपको बताएंगे इजरायल के जन्म से जुड़ी और कुछ दूसरी दिलचस्प बातें.
आज जिस जगह पर इजरायल है वहां सैंकड़ों साल पहले कभी किंगडम ऑफ इजरायल हुआ करता था. 6 वीं सदी ईस्वी में वहां इस्लाम धर्म आया और कई राजाओं के हाथ होते हुए यह इलाका ऑटोमन तुर्कों के कब्जे में आ गया. इस बीच यहां यहूदी व्यापारियों ने बड़े पैमाने पर अरबों से जमीनें खरीदी.
पहले विश्व युद्ध में ऑटोमन तुर्क के खिलाफ लड़ते हुए ब्रिटेन और उसके सहयोगियों ने यहां कब्जा कर लिया. युद्ध के बाद लीग ऑफ नेशंस की अगुवाई में यहां का शासन ब्रिटेन के सुपुर्द किया गया.
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी सहित यूरोप के कई हिस्सों में यहूदियों का नरसंहार हुए. डरे हुए यहूदियों ने इजरायल की ओर बड़े पैमाने पर प्रवासन शुरू कर दिया. 1948 में ब्रिटेन ने अपने मैंडेट के जरिए इजरायल राष्ट्र बना दिया.
इजरायल की घोषणा के साथ ही अरब देशों ने फिलिस्तीन के समर्थन में इजरायल पर हमला कर दिया. इस युद्ध में इजरायल की करीब 25 फीसदी जनसंख्या का खात्मा हो गया था.
लेकिन जल्द ही इजरायल ने अमेरिका और दूसरे यूरोपीय सहयोगियों के जरिए खुद की सेना को मॉर्डन कर लिया. यहां सभी नागरिकों को सेना में सेवा देना जरूरी है. इसका कारण इजरायल की कम जनसंख्या और युद्ध की खतरनाक परिस्थितियां हैं.
इजरायल की एयरफोर्स दुनिया की सबसे ताकतवर शक्तियों मे से एक है. चाहे 1967 का सिक्स डे वार हो या ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हमला, हर बार इजरायली एयरफोर्स ने अपनी दम दिखाया है. माना जाता है इजरायल के पास करीब 100 से 150 के बीच परमाणु बम भी हैं.
इजरायल राष्ट्र की संकल्पना दुनिया के सभी यहूदियों को एक साथ लाने पर आधारित है. अलग-अलग देशों में रहने वाले यहूदियों को भले ही इजरायल की नागरिकता न मिली हो, लेकिन इजरायल हमेशा उनका सहयोग करता है. इजरायल को प्राचीन काल के किंगडम ऑफ इजरायल की धारणा पर बनाया गया है.
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