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केंद्र सरकार के एक तरफा श्रम सुधार और श्रमिक-विरोधी नीतियों के खिलाफ सेन्ट्रल ट्रेड यूनियन मंगलवार से दो दिन की देशव्यापी हड़ताल पर हैं. हड़ताल का आज दूसरा दिन है. यूनियनों ने एक संयुक्त बयान में सोमवार को जानकारी दी कि करीब 20 करोड़ कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल हैं. ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) की महासचिव अमरजीत कौर ने दिल्ली में 10 सेन्ट्रल ट्रेड यूनियन की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात की जानकारी दी.
इस हड़ताल को 2 बैंक यूनियंस- ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयीज एसोसिएशन और बैंक एम्प्लॉयीज फेडरेशन आफ इंडिया का भी समर्थन मिला है. इसका असर दिख रहा है. कुछ शहरों में एटीएम में कैश की कमी दिख रही है.
इस हड़ताल में इंटक, एटक, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ और यूटीयूसी जैसे संगठन शामिल हो रहे हैं. हालांकि आरएसएस से ताल्लुक रखने वाला भारतीय मजदूर संघ इस हड़ताल में हिस्सा नहीं ले रहा है.
एटक की महासचिव अमरजीत कौर के मुताबिक बीजेपी सरकार के खिलाफ इस हड़ताल में सबसे ज्यादा संख्या में संगठित और असंगठित क्षेत्र के कर्मचारी शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि दूरसंचार, स्वास्थ्य, शिक्षा, कोयला, इस्पात, बिजली, बैंकिंग, बीमा और परिवहन क्षेत्र में काम करने वाले लोग इस हड़ताल में शामिल होंगे. इस दौरान देशभर में विरोध जुलूस निकाले जाएंगे.
कौर ने कहा कि सरकार रोजगार पैदा करने में नाकाम रही है. सरकार ने श्रमिक संगठनों के 12 सूत्रीय मांगों को भी नहीं माना. श्रम मामलों पर वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में बने मंत्रिसमूह ने दो सितंबर की हड़ताल के बाद श्रमिक संगठनों को चर्चा के लिए नहीं बुलाया. श्रमिक संघों ने ट्रेड यूनियन एक्ट-1926 में प्रस्तावित संशोधनों का भी विरोध किया है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि ट्रेड यूनियनों की ओर से बुलाई गई हड़ताल का राज्य में कोई असर नहीं होगा. बनर्जी ने मीडिया से कहा, ‘‘मैं इस पर एक शब्द भी नहीं बोलना चाहती हूं. हमने किसी भी बंद को समर्थन नहीं देने का फैसला किया है.अब बहुत हो गया. पिछले 34 सालों में वाम मोर्चे ने बंद का आह्वान कर पूरे राज्य को बर्बाद कर दिया. अब कोई बंद नहीं होगा.'' राज्य सरकार ने ऐलान किया है कि वह मंगलवार और बुधवार को अपने कर्मचारियों के आधे दिन की छुट्टी या एमरजेंसी लीव लेने पर रोक लगाएगी.
असम के गुवाहाटी में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने न्यूनतम मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा की मांग की है. इस दौरान उन्होंने ट्रेन सेवा को बाधित किया.
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का आदेश बेअसर साबित होता दिख रहा है. हावड़ा में रेलवे लाइन जाम कर दिया गया.
ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (AICCTU) के सदस्यों ने सार्वजनिक और सरकारी क्षेत्र के निजीकरण के खिलाफ दिल्ली के पटपड़गंज इंडस्ट्रियल एरिया में विरोध प्रदर्शन किया और न्यूनतम मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा की मांग की.
बृहनमुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (BEST) के कर्मचारी भी अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. इससे आम लोगों को खासी दिक्कत हो रही है.
ट्रेड यूनियनों की हड़ताल से देश के कुछ हिस्सों में बैंकों का कामकाज आंशिक रूप से प्रभावित हुआ. ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) और बैंक एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईएफआई) ने हड़ताल का समर्थन किया है. हड़ताल से उन बैंकों का परिचालन प्रभावित हुआ है जहां इन दोनों यूनियनों का ज्यादा प्रभाव है. हालांकि, भारतीय स्टेट बैंक और निजी क्षेत्र के बैंकों में कामकाज पर असर नहीं पड़ा, क्योंकि बैंकिंग क्षेत्र की सात अन्य यूनियनें हड़ताल में भाग नहीं ले रही हैं.
ट्रेड यूनियनों की हड़ताल के पहले दिन मंगलवार को मध्यप्रदेश की करीब 5,000 बैंक शाखाओं में कई सेवाएं बाधित रहीं. मध्यप्रदेश बैंक एम्प्लायीज एसोसिएशन के चेयरमैन एमके शुक्ल ने बताया कि राज्य में हड़ताल में लगभग 14,000 बैंक कर्मचारियों ने हिस्सा लिया.
हड़ताल से बैंक शाखाओं में पैसा जमा करने और निकालने के साथ चेक निपटान, सावधि जमा योजना का नवीनीकरण, सरकारी खजाने से जुड़े काम और अन्य नियमित कार्य प्रभावित हुए.
केंद्रीय मजदूर संगठनों की 48 घंटे की देशव्यापी हड़ताल के दौरान मंगलवार को ओडिशा में रेल और सड़क यातायात प्रभावित रहा. पुलिस ने बताया कि मजदूर संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बंद के पहले दिन भुवनेश्वर, कटक, पुरी, बालेश्वर, जलेश्वर, भद्रक, संबलपुर, बरहामपुर और पारादीप सहित कई स्थानों पर रेल रोको आंदोलन किया. जिस वजह से रेल पटरियों को जाम करने से एक दर्जन से अधिक ट्रेनों में देरी हुई और बड़ी संख्या में यात्री कई स्थानों पर फंस गए.
केंद्रीय मजदूर संघों की ओर से देशव्यापी हड़ताल के दौरान पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में उपद्रव की छिटपुट घटनाएं हुईं. उत्तर 24 परगना जिले में बारासात के चंपाडाली इलाके में एक स्कूल बस पर पथराव किया गया और हड़ताल समर्थकों ने एक सरकारी बस में भी तोड़फोड़ की. हड़ताल समर्थकों ने कोलकाता समेत राज्य के कई हिस्सों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले फूंके और टायर जलाए.
सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में वाम दलों के सदस्यों के विरोध के बीच ट्रेड यूनियन संशोधन विधेयक 2019 पेश कर दिया, जिसमें 1926 के कानून में संशोधन का प्रावधान है. केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने व्यवसाय संघ (संशोधन) विधेयक पेश किया जिसमें नीति निर्माण में श्रमिक संगठनों की भागीदारी के लिए कानूनी रूपरेखा बनाने का प्रावधान है.
ट्रेड यूनियन की हड़ताल और इसे बैंक कर्मचारियों के समर्थनका असर दूसरे दिन दिखने लगा है. कई बैंकों के एटीएम में कैश नहीं हैं. वहीं काउंटर पर कामकाज पर असर पड़ा है. हजारों बैंक कर्मचारी हड़ताल पर हैं. इससे बैंकों के काउंटर पर डिपोजिट और निकासी का काम धीमा हो गया है. इस हड़ताल को डाक विभाग, बीएसएनएल, बंदरगाह कर्मचारियों, निगम कर्मचारियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, हॉकरों समेत लगभग 25 करोड़ लोगों का समर्थन हासिल है.
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और बैंक कर्मचारियों की देशव्यापी हड़ताल का आंशिक असर पूरे देश में देखा जा रहा है. बुधवार को हड़ताल के दूसरे दिन पश्चिम बंगाल के हावड़ा में प्रदर्शनकारियों की पत्थरबाजी में दो स्टूडेंट घायल हो गए. प्रदर्शनकारियों ने झिकरिया-हावड़ा रूट पर शानपुर के पास एक बस पर पत्थरबाजी की थी. राज्य में बस ड्राइवरों को इन हमलों से बचने के लिए हेलमेट पहनने की सलाह दी गई है.
सेंट्रल ट्रेड यूनियंस की ओर से दो दिनों के हड़ताल के दौरान दूसरे दिन प्रदर्शनकारियों ने कूच बिहार के दिनहाटा में एक सरकारी बस में तोड़फोड़ की, बस चालक सहित 2 लोग घायल, पुलिस मौके पर मौजूद
केंद्रीय श्रमिक संगठनों के हड़ताल के कारण बैंकिंग और परिवहन सेवाएं आंशिक तौर पर प्रभावित हुईं और पश्चिम बंगाल में छिटपुट हिंसा की रपटें भी आयीं हैं. हिंद मजदूर सभा के महासचिव हरभजन सिंह ने कहा कि असम, ओडिशा, मणिपुर, मेघालय, महाराष्ट्र और गोवा में शत प्रतिशत हड़ताल रही.
उन्होंने कहा, ‘‘हमें पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में भी समर्थन मिला. मंडी हाउस से संसद भवन के जुलूस में करीब चार हजार श्रमिक सड़क पर अपना गुस्सा जाहिर करने उतरे.''
पूर्वी रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि सियालदह-बनगांव खंड के अशोकनगर में रेल पटरियों पर एक संदिग्ध बम मिला जिसके कारण इस मार्ग पर ट्रेन सेवा रोक दी गई.
प्रवक्ता ने बताया कि अधिकारियों ने अशोकनगर में लेवल क्रासिंग के नजदीक संदिग्ध देसी बम हटा दिया और सुबह 10 बजकर 25 मिनट पर इस खंड पर रेल सेवा बहाल हो गई. सियालदह-डायमंड हार्बर मार्ग को छोड़कर अन्य दो मार्गों पर सुबह सवा आठ बजे समान्य सेवा बहाल हो गई.
हड़ताल के दूसरे दिन बुधवार को केरल में भारतीय स्टेट बैंक की एक ट्रेजरी शाखा पर हमला किया गया. हड़ताल के दौरान केरल के कई हिस्सों में ट्रेनों को भी रोका गया. बैंक मैनेजर ने कहा कि लोगों का एक समूह सुबह लगभग 10 बजे उनके केबिन में आया और कर्मचारियों को धमकी दी, मेज पर लगे कांच और एक कंप्यूटर को क्षतिग्रस्त कर दिया.
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