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आध्यात्मिक और राजनीतिक गुरु भैय्यू जी महाराज ने बुधवार को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. भैय्यू महाराज का सुसाइड नोट भी पुलिस ने बरामद किया है, उसके मुताबिक,भैय्यू जी पारिवारिक दिक्कतों से काफी तनाव में थे. मध्य प्रदेश के सुजालपुर के एक जमींदार परिवार में जन्मे उदयसिंह शेखावत उर्फ भैय्यू जी महाराज अपने लाइफ स्टाइल के लिए भी सुर्खियों में रहते थे.
बताया जाता है कि जब वो अपने अनुयायियों के साथ किसी दौरे पर जाते थे तो भव्य काफिले के साथ मंहगे रिजॉर्ट में रुकना पसंद करते थे.
भैय्यू जी के अनुयायी उन्हें 'युवा राष्ट्र संत' कहते थे. उनकी वेबसाइट पर लिखा हुआ है कि वो एक आध्यात्मिक गुरु, समाज सुधारक और मोटिवेटर हैं. जिनकी जिंदगी का मकसद गरीबों और शोषितों के चेहरे पर खुशी लाना है.
एक प्रभावशाली मराठी आध्यात्मिक गुरु होने के कारण कई पार्टियों के बड़े नेता और कारोबारियों से उनके अच्छे संबंध रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे से भी उनके अच्छे रिश्ते थे.
भैय्यू जी महाराज ने कांग्रेस के शासनकाल में साल 2011 में दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंचकर अन्ना हजारे का अनशन खत्म कराने में मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी. प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी ने सद्भावना उपवास रखा था, इस उपवास को खुलवाने के लिए भी भैय्यू जी महाराज गए थे.
साल 2015 में उनकी पहली पत्नी माधवी का निधन हो गया था. इसके बाद उन्होंने सार्वजनिक जीवन से संन्यास का ऐलान कर दिया. 1 साल बाद ही भैय्यू जी ने ग्वालियर की डॉ आयुषी के साथ शादी की, उस वक्त भैय्यू जी की उम्र 49 साल थी.
पहली शादी से उनकी एक बेटी है जो अभी पढ़ाई कर रही है.
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