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दलितों के खिलाफ बढ़ रहे उत्पीड़न और भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ‘रावण’ की रिहाई की मांग को लेकर भीम आर्मी दिल्ली की सड़कों पर है. रविवार को संसद मार्ग पर भीम आर्मी के समर्थन में जुटे हजारों लोगों ने चंद्रशेखर को रिहा करने की मांग की है. अपनी चार मांगों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने कहा कि सरकार को पिछले दिनों भारतीय संविधान जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. सरकार यूपी में गलत जनगण मन गाने वालों को तो जेल में ठूंस देती है लेकिन सरेआम संविधान जलाने वालों पर कार्रवाई करने से हिचकती है.
भीम आर्मी के अध्यक्ष विनय रतन सिंह ने कहा कि सरकार ने जबरदस्ती गैरकानूनी ढंग से गिरफ्तार कर रखा है. उन पर जेल में अत्याचार हो रहे हैं. दूसरी ओर, राजधानी दिल्ली में संविधान जलाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होती. उन्होंने कहा कि भीम आर्मी मायावती के साथ है और उन्हें प्रधानमंत्री बनते देखना चाहती है. इस मौके पर बीएसपी से निकाले गए जयप्रकाश सिंह भीम आर्मी में शामिल हुए है. हालांकि उन्होंने इस विवाद पर ज्यादा बोलने से इनकार कर दिया. जयप्रकाश सिंह ने राहुल के खिलाफ बयान दिया. इससे नाराज होकर मायावती ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था.
चंद्रशेखर को सहारनपुर में जातीय दंगे फैलाने के आरोप में 8 जून 2017 को हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार किया था. तब से वह जेल में हैं. इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने आजाद पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगा दिया.
5 मई 2017 को सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में राजपूतों और दलितों के बीच हिंसा हुई थी. इस हिंसा में कथित तौर पर दलितों के घर जला दिए गए थे. वहीं एक शख्स की मौत हो गई थी. इसके बाद पुलिस ने 30 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था. घटना के बाद चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व में भीम आर्मी ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था.
पुलिस ने सहारनपुर हिंसा में चंद्रशेखर को मास्टर माइंड बताते हुए उसपर रासुका लगा दिया. जिसके बाद चंद्रशेखर फरार हो गया. लेकिन उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने चंद्रशेखर को हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया. तब से वह जेल में ही बंद है. मई में एक बार फिर चंद्रशेखर पर तीन महीने के लिए रासुका बढ़ा दी गई है.
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