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(भीमा कोरेगांव मामले में UAPA के तहत गिरफ्तार आर्टिस्ट-एक्टिविस्ट सागर गोरखे फिलबाल मुंबई की तलोजा सेंट्रल जेल में बंद हैं. उन्होंने हाल ही में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि तलोजा में जेल अधिकारियों ने उनके सेल में घुसकर उनकी मच्छरदानी जब्त कर ली. जेल अधिकारियों का कहना है कि मच्छरदानी इसलिए जब्त की गई क्योंकि वो "सुरक्षा में खतरा" हैं.
टीचर और एक्टिविस्ट दीपिका टंडन ने एक बातचीत लिखी है, जो एक जेल अधिकारी और एक कैदी के बीच हो सकती है, जिसके पास मच्छरदानी नहीं है और उसे मलेरिया या डेंगू का डर है.)
मानसून आ गया है और साथ ही मच्छर भी. वो भी झुंड में. जेल स्टाफ भी है. सभी का आपस में क्या संबंध है, कोई पूछ सकता है?
(लेखक एक टीचर और एक्टिविस्ट हैं. इस व्यंग्य में दिए गए विचार लेखक के अपने हैं. इससे क्विंट का सहमत होना जरूरी नहीं है.)
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