advertisement
दलित संघर्ष समिति के नेता और गुजरात की वडगाम सीट से विधायक जिग्नेश मेवाणी ने भीमा-कोरेगांव हिंसा पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. भीमा-कोरेगांव हिंसा के पीछे भड़काऊ भाषण देने के आरोपों पर जिग्नेश ने कहा कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.
जिग्नेश ने दिल्ली में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि इस देश में दलित सुरक्षित नहीं है. भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले पर उन्होंने कहा कि मेरे भाषण में कुछ भी भड़काऊ नहीं था.
जिग्नेश मेवाणी ने कहा, 'बीजेपी मुझे डराने की कोशिश कर रही है, क्योंकि उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में मुझसे खतरा है. गुजरात में हमने बीजेपी का घमंड तोड़ा है. वह 150 सीटों का मन बनाए हुए थे. लेकिन हमने उन्हें 99 सीटों पर रोक दिया.
जिग्नेश ने महाराष्ट्र हिंसा के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि दलितों पर अत्याचार और महाराष्ट्र में हिंसा पर पीएम खामोश हैं. जिग्नेश ने कहा खुद को अंबेडकर भक्त बताने वाले पीएम मोदी को हिंसा पर बयान देना चाहिए.
महाराष्ट्र जातीय हिंसा के बाद पुणे पुलिस ने जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू छात्र नेता उमर खालिद के खिलाफ कथित रूप से समुदायों के बीच भावनाओं को भड़काने आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है. शिकायत में मेवाणी और खालिद द्वारा दिए गए भाषण पर आपत्ति जताई गई है.
शिकायतकर्ता ने कहा है कि उस दिन आयोजित 'यलगार परिषद' में दोनों वक्ताओं ने भड़काऊ भाषण दिए, जो सुमदायों के बीच गलतफहमी को बढ़ा सकते हैं.
शिकायत में मेवानी के भाषण के अंश दिए गए है, जिसमें मेवानी ने कहा कि '(एक जनवरी 1881) कोरेगांव-भीमा का युद्ध भविष्य की जंग हो सकती है. अगर वे हमला करते हैं तो यह समय उनको जवाब देने का होगा और इस जंग में जीत हासिल कर हम अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देंगे. 'नई पेशवाई' को कुचल देना कोरेगांव-भीमा युद्ध के नायकों को श्रद्धांजलि हो सकता है.'
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)