Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019वामपंथी विचारकों की गिरफ्तारी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

वामपंथी विचारकों की गिरफ्तारी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

वामपंथी विचारकों की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की हर अपडेट के लिए जुड़े रहिए

क्‍व‍िंट हिंदी
भारत
Updated:
(फोटोः IANS)
i
null
(फोटोः IANS)

advertisement

भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में हुई वामपंथी विचारकों की गिरफ्तारी के खिलाफ दाखिल की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई होनी है. सीजेआई दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने बीती 29 अगस्त को वामपंथी विचारकों को घर में नजरबंद रखने का आदेश दिया था. साथ ही महाराष्ट्र पुलिस को नोटिस जारी कर 5 सितंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा था.

महाराष्ट्र पुलिस ने 28 अगस्त को कई राज्यों में छापे मारकर नक्सलियों से संपर्क होने के संदेह में पांच वामपंथी विचारकों को गिरफ्तार किया था. इन गिरफ्तारियों पर मानवाधिकार और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कड़ा विरोध जताया था.

क्या है एक्टिविस्टों की गिरफ्तारी का पूरा मामला?

बता दें कि भीमा कोरेगांव हिंसा की साजिश रचने और नक्सलवादियों से संबंध रखने के आरोप में पुणे पुलिस ने बीती 28 अगस्त को देश के अलग-अलग हिस्सों से वामपंथी विचारक गौतम नवलखा, वारवारा राव, सुधा भारद्वाज, अरुण फरेरा और वरनोन गोंजालवेस को गिरफ्तार किया था.

इसके बाद 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इन गिरफ्तारियों पर रोक लगा दी और अगली सुनवाई तक हिरासत में लिये गए सभी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को अपने ही घर में नजरबंद रखने के लिए कहा है.

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि असहमति लोकतंत्र का सेफ्टी वॉल्व है, अगर इसे हटा दिया गया तो लोकतंत्र का प्रेशर कुकर फट जाएगा.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 05 Sep 2018,10:56 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT