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सिमी के कथित सदस्यों के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद भले ही मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने न्यायिक जांच का आदेश दे दिया हो, लेकिन अब यह बात सामने आ रही है कि भोपाल जेल में लगे सीसीटीवी कैमरों के साथ छेड़छाड़ की गई थी.
उच्च पद के एक पुलिस ऑफिसर ने द क्विंट से बात करते हुए बताया कि 31 अक्टूबर को लगभग सुबह 9.30 बजे जेल के अंदर के 3 सीसीटीवी कैमरों का क्लस्टर काम नहीं कर रहा था, ठीक इसी समय आठों सिमी सदस्य यहां से भागे थे.
जब राज्य के सभी जेलों के प्रभारी ने सीसीटीवी फुटेज की मांग की, तो उन्हें बताया गया कि कोई भी फुटेज नहीं है, क्योंकि तीनो कैमरे क्षतिग्रस्त हो गए थे.
हमारे सूत्रों ने बताया कि कम से कम एक या दो वार्डर घटना के दो दिन पहले सिमी के सदस्य के साथ इस साजिश में मिले हुए थे. हालांकि उन्होंने इस बात को नहीं माना कि कथित सिमी के सदस्यों को जेल से गाड़ी में बैठा कर मनीखेड़ा ले जाकर एनकाउंटर किया गया था.
द क्विंट से बात करते हुए मध्यप्रदेश सरकार में काम करने वाले एक सूत्र ने बताया कि आठों कथित सिमी के सदस्य 3 अलग-अलग सेल में रखे गए थे. दो सेल में 3-3 और एक सेल में 2 लोगों को रखा गया था. 30 अक्टूबर दिवाली की रात को 2 या 3 कथित सिमी के सदस्यों के साथ जेल वार्डर रामशंकर यादव की लड़ाई हुई थी, जिस वजह से यादव की जान चली गई. दूसरा जो वार्डर था उन्हें बंधक बना लिया गया था. लेकिन, झगड़े के समय हेड वार्डर राजू खान मौके पर मौजूद नहीं था.
जेल सूत्रों ने बताया कि सिमी के कथित सदस्य ने पहले जेल से भागने की कोशिश तो की, लेकिन उन्हें जेल वार्डर ने घेर लिया था. पुलिस या बाकी लोग जो कह रहे हैं कि उनके पास 3 या 4 देसी कट्टे थे यह बात बिल्कुल मनगढ़ंत है.
अगर कोई बाहरी उन्हें कट्टा लाकर देता तो पुलिस को उसे ढूंढकर गिरफ्तार करना चाहिए. लेकिन, ऐसा अभी तक नहीं हुआ है. जिस वजह से पुलिस के बयान को संदेह की नजर से देखा जा रहा है.
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