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बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की छात्राओं पर हुए लाठीचार्ज में मामले में यूपी की योगी सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं. योगी सरकार में मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि बीएचयू में बाहर से आए लोगों ने विश्वविद्यालय के वातावरण को दूषित करने की कोशिश की.
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने उन खबरों को खारिज किया है, जिनमें कहा जा रहा था कि उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से समन जारी कर दिल्ली पेश होने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि मंत्रालय की ओर से उन्हें कोई समन नहीं मिला है. जो भी खबरें मीडिया में आ रही हैं वो झूठी हैं.
साथ ही उन्होंने कहा कि जो कमेटी बनाई गई है उसकी रिपोर्ट के आधार पर ही कार्रवाई की जाएगी.
इस दौरान त्रिपाठी ने यह भी कहा, 'व्यक्ति की अस्मिता का बहुत महत्व है लेकिन संस्थान की अस्मिता का भी ध्यान रखना चाहिए.'
बीएचयू छात्राओं के संग छेड़खानी और लाठीचार्ज के मामले ने इतना तूल पकड़ लिया है, कि इस मामले पर खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजर है. यही कारण है, कि महज 24 घंटे के भीतर ही वाराणसी प्रशासन ने इस मामले की जांच रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंप दी.
शुरूआती एक घंटे तो इस मामले में कमिश्नर ऑफिस कोई नहीं पहुंचा, लेकिन दस बजने के बाद लोग आने शुरू हुये, तो समय बढ़ाना पड़ा. एक बजे तक लोगों ने बीएचयू के बारे में अपनी जानकारियां दी, कुछ लोगों ने फोन पर भी घटना के बारे में बताया. बीएचयू के प्रोफेसर और छात्र सहित कुल 25 लोगों ने अलग-अलग बातें बताईं.
बताया जा रहा है कि ज्यादातर लोगों ने इसके लिये बीएचयू प्रशासन को ही दोषी ठहराया है. सभी कह रहे हैं कि ये इतना बड़ा मामला नहीं था. सिर्फ संवेदनहीनता ने बीएचयू के माहौल को खराब किया है . फिलहाल, प्रशासन ने जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है, और अब इन्तजार है, कार्रवाई का.
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