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BHU:विरोध प्रदर्शन करने वालों पर केस, सियासत तेज, जानिए पूरा हाल

गुरुवार से चल रहे प्रदर्शन में रविवार को भी कई अपडेट हुए, अबतक का पूरा ब्योरा यहां जानिए

द क्विंट
भारत
Updated:


बीएचयू की छात्राएं
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बीएचयू की छात्राएं
(फोटो: IANS)

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बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में छेड़खानी के विरोध में छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन गुरुवार से ही जारी है. पूरी यूनिवर्सिटी को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. आसपास की कई थानों की पुलिस यूनिवर्सिटी में लगाई गई है. ऐसे में गुरुवार से चल रहे प्रदर्शन में अबतक क्या हुआ, हर अपडेट पर डालते हैं नजर:

  • 21 सितंबर को छात्राओं के साथ हुई थी छेड़खानी
  • विरोध प्रदर्शन में आंदोलन कर रही हैं छात्र-छात्राएं
  • शनिवार रात में छात्र और छात्राओं पर यूनिवर्सिटी के सुरक्षाकर्मियों ने की लाठी चार्ज
  • आरोप है कि पुलिस ने भी किया लाठीचार्ज
  • 2 अक्टूबर तक यूनिवर्सिटी को बंद करने का ऐलान
  • बाहरी अराजक तत्व हैं जो छात्राओं को आगे कर संस्थान की छवि खराब करना चाहते हैं- यूनिवर्सिटी प्रशासन
  • 1 हजार छात्र-छात्राओं के खिलाफ बनारस के लंका में मामला दर्ज

पहले गुरुवार से चल रहे इस प्रदर्शन का पूरा हाल वीडियो के जरिए जान लीजिए-

पूरे मामले पर द क्विंट को बीएचयू में क्या मिला, बता रही हैं क्विंट की रिपोर्टर ऐश्वर्या

अबतक की सबसे ताजा अपडेट ये है कि बीएचयू में शनिवार रात हुए हंगामे, बवाल और आगजनी के मामले में पुलिस ने बनारस के लंका थाने में 1 हजार अज्ञात छात्र-छात्राओं के खिलाफ केस दर्ज किया है.

बीएचयू प्रशासन और वीसी का क्या कहना है?

इस बीच, यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने कहा की छात्रों का हंगामा यूनिवर्सिटी को बदनाम करने की साजिश है. शनिवार रात को परिसर हिंसा में बाहरी लोग शामिल थे. त्रिपाठी ने कहा कि छेड़खानी के घटना के दिन ही हमारे सुरक्षा अधिकारी ने एफआईआर दर्ज कर ली थी. हमने घटना की जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनायी है जो अपने काम में लगी हुई है.

उन्होंने कहा की उपद्रव की घटना बाहरी लोगों की देन है. हमारे विश्विद्यालय के छात्रावास में करीब 25 हजार छात्र रहते है और हमें इस बात की खुशी है, वे उपद्रव में शामिल नहीं थे. कुछ लोगों को यूनिवर्सिटी मान लेना सही नहीं होगा.

सीएम योगी ने जांच के आदेश दिए

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को पूरे मामले पर कमीश्नर से रिपोर्ट मांगी हैं. वाराणसी मंडल के कमीश्नर नीतिन रमेशन गोकर्ण ने द क्विंट से बातचीत में कहा है कि लाठीचार्ज नहीं होनी चाहिए थी, इस मामले में कोई दोषी निकलता है तो उसपर कार्रवाई होगी.

राजनीतिक प्रतिक्रिया:

बीएचयू में विरोध कर रहे छात्र-छात्राओं पर लाठीचार्ज की भी बात सामने आ रही है. ऐसे में कई राजनीतिक दलों से कड़ी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं.

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने तंज कसते हुए कहा है कि ये बेटी बचाओ-बेटी पढाओ का बीजेपी वर्जन है.

वहीं प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने छात्र-छात्राओं पर लाठीचार्ज की घटना की निन्दा की है. अखिलेश ने ट्वीट कर कहा कि सरकार को लाठी से नहीं बल्कि बातचीत के जरिए ये मुद्दा सुलझाना चाहिए. ये निन्दनीय है. दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.

जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के सांसद शरद यादव ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी में छात्राओं पर कल देर रात की गई कथित पुलिस लाठीचार्ज को शर्मनाक बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की है. उन्होंने घटना की मजिस्ट्रेट जांच की भी मांग की है.

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया है, सिर्फ एक बर्बर सरकार ही लाठियों से लैस पुरुष पुलिसकर्मियों का छात्राओं के खिलाफ इस्तेमाल करती है. बीजेपी-आरएसएस छात्रों से इतने डरे हुए क्यों हैं? उन्होंने लिखा है, मोदी कहते हैं बेटी बचाओ. हमें नहीं मालूम था, इसका मतलब उसकी सरकार की क्रूरताओं से महिलाओं को बचाना है. वो भी उनके अपने लोकसभा क्षेत्र में.

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कांग्रेस के नेता हिरासत में

छात्राओं के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने और लाठीचार्ज के खिलाफ विरोध में गए कांग्रेसी नेता राज बब्बर, पीएल पुनिया और स्थानीय नेता अजय राय को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. इससे पहले राज बब्बर को एयरपोर्ट पर पुसि और प्रशासन ने रोकने की कोशिश. स्थानीय सीओ ने उनका हाथ पकड़ा फिर धक्कामुक्की तक हो गई.

(फोटो: ANI)

पत्रकारों का धरना प्रदर्शन

पूरे मामले की कवरेज करने पहुंचे पत्रकारों पर भी लाठीचार्ज हुआ. इसके खिलाफ रविवार को राजधानी लखनऊ में पत्रकारों ने प्रदर्शन किया. कुछ पत्रकार मुख्यमंत्री आवास के निकट पहुंचकर धरने पर बैठ गये. बाद में उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की. बता दें कि पुलिस के लाठीचार्ज में महिलाओं समेत कई छात्र और दो पत्रकार भी घायल हुए हैं.

बीएचयू टीचर्स-स्टाफ का शांति मार्च

BHU में शनिवार रातभर चले हंगामे के बाद रविवार सुबह बीएचयू के कर्मचारी, टीचर्स और स्टूडेंट्स ने घटना के विरोध में काली पट्टी बांधकर शांति मार्च किया. मार्च मालवीय भवन से शुरू होकर मेन गेट तक गया और वापस मालवीय भवन पहुंचकर खत्म हुआ.

2 अक्टूबर तक बीएचयू बंद

BHU में रातभर चले हंगामे के बाद रविवार सुबह बीएचयू के कर्मचारी, टीचर्स और स्टूडेंट्स ने घटना के विरोध में काली पट्टी बांधकर शांति मार्च किया. मार्च मालवीय भवन से शुरू होकर मेन गेट तक गया और वापस मालवीय भवन पहुंचकर खत्म हुआ.

बनारस के दूसरे कॉलेजों को भी घटना को ध्यान में रखते हुए बंद कर दिया गया है.

क्या है पूरा मामला ?

गुरूवार शाम 6 बजे के आसपास पीड़ित छात्रा जब हॉस्टल वापस आ रही थी, तभी बाइक सवार लड़कों ने उससे बीएचयू कैंपस में छेड़छाड़ की. द क्विंट से बातचीत करते हुए बीएचयू की एक छात्रा ने बताया-

छात्रा, लॉ फैकल्टी से त्रिवेणी कॉम्प्लेक्स जाने वाली रोड पर शाम को वापस आ रही थी. इस बीच बाइक सवार लड़कों ने उसके साथ गलत हरकतें करना शुरू कर दिया. गौर करने वाली बात है कि घटना से थोड़ी दूर चौराहे पर ही प्रॉक्टर्स ड्यूटी पर होते हैं. जिस जगह घटना हुई वो बीएचयू का कोई अंदरूनी इलाका भी नहीं है.
छात्राओं की ये मांगे हैं (फोटो: द क्विंट)

इस घटना की शिकायत कई स्तर पर करने के बावजूद कोई भी कार्रवाई नहीं हुई और छात्राओं को विरोध प्रदर्शन का सहारा लेना पड़ा.

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Published: 24 Sep 2017,07:06 PM IST

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