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काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में छात्राओं पर हुए लाठीचार्ज मामले में महिला आयोग ने अपनी जांच में मुख्य रूप से विश्वविद्यालय के कुलपति जी सी त्रिपाठी को दोषी ठहराया है. राष्ट्रीय महिला आयोग की कार्यकारी अध्यक्ष रेखा शर्मा ने अपनी जांच पूरी करने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि कुलपति के संवादहीनता रवैए ने इतने बड़े आंदोलन का रूप ले लिया.
उन्होंने कहा कि अगर वीसी सही समय पर छात्राओं से मिलकर उनकी समस्या का समाधान करते तो मामला यहां तक नहीं पहुंचता. महिला आयोग ने अपनी जांच में यह भी माना कि बीएचयू में छेड़खानी की घटनाएं बहुत ज्यादा हैं.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने अपनी जांच में बीएचयू के पूरे घटनाक्रम के लिए सीधे तौर पर वीसी को जिम्मेदार ठहराया है.
रेखा शर्मा ने बताया कि वह कुलपति से मिलना चाहती थीं लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया और ना ही मैसेज का कोई जवाब दिया. शर्मा ने कहा कि वीसी को इस मामले में समन भेजा जाएगा. क्योंकि अगर वो उसी दिन छात्राओं से मिल लेते तो मामला इतना नहीं बढ़ता.
महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि छात्राओं ने जो आंदोलन शुरू किया .लेकिन बाद में इसे बाहरी लोगों ने टेकओवर कर लिया, जिसकी वजह से बीएचयू का माहौल बिगड़ा और पुलिस को बुलाना पड़ा.
महिला आयोग की कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा, 'मैंने विश्वविद्यालय प्रशासन को सलाह दी है कि लड़के और लड़कियों दोनों के ही हॉस्टल की टाइमिंग एक होनी चाहिए. लाइब्रेरी में अगर छात्राएं रात में पढ़ना चाहती हैं तो उन्हें मना नहीं किया जा सकता. हमने विश्वविद्यालय प्रशासन को सलाह दी है कि जल्द ही टाइमिंग सही की जाए.'
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