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21 सितंबर से बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में चल रहे छात्राओं के विरोध प्रदर्शन को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने सीएम योगी आदित्यनाथ से बातचीत की. छात्राओॆं से छेड़खानी के बाद बीएचयू में लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है.
इससे पहले छात्राओं पर लाठीचार्ज के मामले में योगी सरकार की तरफ से कार्रवाई की गई. वाराणसी के लंका इलाके के स्टेशन ऑफिसर, भेलूपुर के सीओ और एडिशनल सिटी मजिस्ट्रेट को हटा दिया गया है. इन सभी को मामले को ठीक से हैंडल न करने का दोषी पाया गया है.
रविवार को ही योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी मंडल के कमीश्नर से रिपोर्ट मांगी थी, पत्रकारों पर हुई लाठीचार्ज की घटना के मामले में भी सीएम ने रिपोर्ट मांगी है. इससे पहले
इस बीच, वाराणसी पुलिस ने बीएचयू कैंपस में हिंसा और शांति भंग के आरोपों के तहत 1000 अज्ञात छात्र-छात्राओं के खिलाफ केस दर्ज किया है.
बीएचयू आंदोलन के पहले दिन आंदोलन के समर्थन में रहीं छात्र नेता एकता सिंह और कुछ दूसरी छात्राएं अचानक आंदोलन से अलग हो गई हैं. आंदोलन से अब भी जुड़े छात्रों का आरोप है कि वो बीएचयू के फेवर में आंदोलन से जुड़ी थीं.
एकता सिंह ABVP से जुड़ी हैं. उनका कहना है कि इस अंदोलन में बाहरी लोग घुस गए हैं जिससे पूरा आंदोलन गलत रास्ते पर जा रहा है.
शनिवार के पुलिस लाठीचार्ज, गोलीबारी, पथराव और आगजनी के बाद रविवार को भी बीएचयू के बाहर हालात तनावपूर्ण रहे. सिंह द्वार पर छात्राओं ने अपना धरना जारी रखा. उनके समर्थन में बीएचयू छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष और वाराणसी के पूर्व सांसद राजेश मिश्रा भी धरने में शामिल हुए.
छात्राओं पर हुए लाठीचार्ज की देशभर में निंदा हो रही है, कई पार्टियों ने इसके विरोध में जमकर प्रतिक्रियाएं दी हैं. रविवार को कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राज बब्बर और वरिष्ठ नेता पी.एल. पूनिया भी समर्थन जताने वाराणसी पहुंचे थे. लेकिन शहर पहुंचते ही उन्हें हिरासत में ले लिया गया.
कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद आज वाराणसी आ रहे हैं. वहीं, समाजवादी पार्टी का एक जांच दल भी बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी जा रहा है.
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