Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019‘लखनऊ को बनाओ लक्ष्मणपुर’- बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन का बयान

‘लखनऊ को बनाओ लक्ष्मणपुर’- बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन का बयान

मांग उठ रही है कि उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ का भी नाम बदल दिया जाए

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन
i
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन
(फाइल फोटो: PTI)

advertisement

देश भर में और खासकर उत्तरप्रदेश में शहरों, संस्थानों, रेलवे स्टेशनों का नाम बदलना बदस्तूर जारी है. हाल ही में सूबे के ऐतिहासिक शहर इलाहाबाद का नाम बदलकर ‘प्रयागराज’ किया गया था. अब मांग उठ रही है कि उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ का भी नाम बदल दिया जाए और ये मांग कोई और नहीं बल्कि बिहार के गवर्नर और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन कर रहे हैं. बीजेपी के पुराने नेता लाल जी टंडन ने ये बयान IndiaToday के एक कार्यक्रम में दिया.

नाचते हुए अंग्रेज बोले ‘Luck Now’

लाल जी टंडन ने लखनऊ के नाम के पीछे एक दिलचस्प कहानी बताई. गवर्नर साहब ने बताया कि जब आजादी से पहले अंग्रेजों ने लखनऊ पर कब्जा कर लिया था तो वो नाचते हुए बोले कि 'लक नाउ' यानी आज हमारा भाग्य जग गया और Luck Now ही बाद में लखनऊ बन गया.

लाल जी के मुताबिक लखनऊ का नाम पहले लक्ष्मणपुर ही था और अंग्रेजों ने इस शहर का नाम बदला.

लालजी टंडन ने कहा कि लखनऊ को बसाने का काम लक्ष्मण ने किया था. इसका किसी इतिहासकार ने खंडन नहीं किया है. इससे पहले इसे लक्ष्मणपुर और लक्ष्मणावती के नाम से जाना जाता था. बाद में इसे लखनपुर भी कहा गया. अंग्रेजी भाषा में वह लखनऊ हो गया. लखनऊ केवल लखनपुर या लक्ष्मणपुर का अपभ्रंश है.
लालजी टंडन का बयान

उन्होंने आगे कहा कि लखनऊ को लक्ष्मण ने ही बसाया था और कोई भी इतिहासकार इसे गलत नहीं बताता. कुछ लोग अपने लाभ या हानि के हिसाब से इतिहास में मिलावट करते हैं. लखनऊ को लेकर बड़ा भारी भ्रम पैदा हो गया और लखनऊ की ऐसी शक्ल बनाकर पेश कर दी कि ये नवाब और कबाब दो शब्दों में सिमट कर रह गया.

राम मंदिर पर भी रखी अपनी राय

बिहार राज्य के गवर्नर लालजी टंडन ने राम मंदिर पर पूछे गए सवाल में कहा कि इस मामले में न्याय जहां से मिलना चाहिए, वहां से अवरोध खड़ा हो गया है. उन्होंने कहा कि, “ राम मंदिर के निर्माण पर कोई समस्या है ही नहीं, एक सुनवाई में ही इसका फैसला हो सकता है. ये मामला न्यायपालिका की प्राथमिकताओं में नहीं है, अगर दशकों से 100 करोड़ लोगों के संघर्ष और बलिदान जो देश की सुरक्षा से जुड़ा है, वो कोर्ट की प्राथमिकता में नहीं है, इससे ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता है.”

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT