Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019शराबबंदी पर ह्यूमन चेन: नीतीश सरकार ने दी सफाई- किसी पर दबाव नहीं

शराबबंदी पर ह्यूमन चेन: नीतीश सरकार ने दी सफाई- किसी पर दबाव नहीं

21 जनवरी को दोपहर 12.15 से एक बजे तक 45 मिनट तक मानव श्रृंखला बनाई जानी है.

अमरेश सौरभ
भारत
Published:


राजधानी पटना के पास के इलाके में मानव श्रृंखला की रिहर्सल में जुटे मासूम (<b>फोटो: क्‍व‍िंट हिंदी</b>)
i
राजधानी पटना के पास के इलाके में मानव श्रृंखला की रिहर्सल में जुटे मासूम (फोटो: क्‍व‍िंट हिंदी)
null

advertisement

बिहार में शराबबंदी के समर्थन में 21 जनवरी को मानव श्रृंखला बनाए जाने के मामले में नीतीश सरकार ने हाईकोर्ट में जवाब दाखिल कर दिया है. सरकार का कहना है किसी भी टीचर या स्‍टूडेंट पर इस ह्यूमन चेन में शामिल होने का दबाव नहीं है.

दरअसल, शराबबंदी के समर्थन में एकजुटता दिखाने के लिए 21 जनवरी को करीब 11 हजार किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाई जानी है. दावा किया जा रहा है कि इसमें 2 करोड़ से ज्‍यादा लोग शिरकत करेंगे, जो एक वर्ल्‍ड रेकॉर्ड होगा. लेकिन बड़ी तादाद में लोगों को होने वाली परेशानी को देखते हुए एक एनजीओ ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी. अब प्रदेश सरकार ने इस पर सफाई पेश की है.

मानव श्रृंखला: एक नजर में

  • 21 जनवरी को दोपहर 12.15 से एक बजे तक 45 मिनट तक मानव श्रृंखला बनाई जानी है.
  • इसका उद्देश्‍य शराबबंदी की नीति के पक्ष में एकजुटता दिखाना है.
  • पूरे बिहार में ह्यूमन चेन की कुल लंबाई 11,292 किलोमीटर से ज्‍यादा होने का अनुमान है.
  • श्रृंखला में करीब दो करोड़ लोगों के शामिल होने की संभावना है.
  • 5 सैटेलाइट, ड्रोन और हेलिकॉप्‍टर के जरिए इसकी वीडियोग्राफी कराई जाएगी.
  • अगर योजना कामयाब होती है, तो सबसे लंबी मानव श्रृंखला का वर्ल्‍ड रेकॉर्ड कायम हो जाएगा.
  • प्रदेश सरकार ने पूरे राज्‍य में इसके आयोजन के लिए 10 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
बिहार सरकार की अपील (फोटो: क्‍व‍िंट हिंदी)

याचिका में पूछा गया है कि आखिर किस प्रावधान के तहत स्‍कूली बच्‍चों को मानव श्रृंखला में शामिल किया जा रहा है? दूसरा, किस प्रावधान के तहत चेन बनाए जाने के दौरान नेशनल हाइवे और राज्य की मुख्‍य सड़कों पर यातायात रोका जा रहा है? अदालत के कड़े रुख के बाद ऐसा लगता है कि सरकार बैकफुट पर आ गई है, क्‍योंकि प्रदेशभर के स्‍कूलों में इस श्रृंखला के लिए 15 जनवरी से ही रिहर्सल चल रही है.

याचिका का आधार क्‍या है?

दरअसल, ह्यूमन भले ही चेन 45 मिनट के लिए बननी हो, लेकिन इस पूरी कसरत में स्‍कूली बच्‍चों को करीब 5 घंटे सड़क पर ही गुजारने पड़ते.

प्‍लान के मुताबिक, उस दिन कई घंटों तक मुख्‍य सड़कों पर ट्रैफिक ठप रखा जाएगा. इमरजेंसी में कुछ गाड़ियों को आने-जाने की इजाजत होगी. लेकिन इसके बावजूद, घनी आबादी वाले इलाकों में लोगों को भारी परेशानी होने की आशंका है.

याचिका में इस ओर भी अदालत का ध्‍यान दिलाया गया है कि क्‍या हम चेन बनाकर अभी से मासूमों को शराब के बारे में पूरी जानकारी देना चाह रहे हैं?

जाहिर है, कई अन्‍य गंभीर सवालों के जवाब अभी मिलने बाकी हैं. नीतीश सरकार की इस कवायद के मकसद पर भी सवाल उठ रहे हैं.

ये भी पढ़ें

शराबबंदी पर ह्यूमन चेन: बिहार की कीर्ति की चाह या महज सियासी ‘तीर’

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT