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लाल जोड़े में घूंघट में दुल्हन, शेरवानी और पगड़ी पहने दूल्हा. विदाई के लिए डोली या कार नहीं बल्कि नाव का इंतजाम. रास्ते में पानी ने अपनी धार बदली तो सबको नाव से उतरना पड़ा. अब दूल्हे के लिए सबसे बड़ा चैलेंज था कि पत्नी पहली बार घर आ रही है उसमें भी उसे पानी में उतरना पड़ेगा. लेकिन साथ देने का वादा किया था तो फिर सोचना क्या, दूल्हे ने अपनी दुल्हनियां को कंधे पर उठा लिया. वो शाहरुख खान और काजोल की फिल्म दिल वाले दुल्हनियां ले जाएंगे के पोस्टर में जैसा दिखाता है न, ठीक उसी तरह. बस फर्क इतना था कि फिल्मी पोस्टर इंटरटेनमेंट के लिए था, लेकिन यहां मजबूरी.
दरअसल, यह मामला किशनगंज (Kishanganj, Bihar) जिले के दिघलबैंक प्रखंड के सिंघीमारी पंचायत के पलसा घाट की है. दूल्हे का दुल्हनियां को कंधे पर उठाने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. ये तस्वीर भले ही फिल्मी लगे, लेकिन सच तो ये है कि ये तस्वीर बिहार के विकास के दावे की पोल खोल रही है.
पिछले करीब दो दशक से बिहार में होने वाले किसी भी चुनाव में नेताओं द्वारा कथित सुशासन के नाम पर मतदाताओं को रिझाने का काम किया जाता रहा है. लेकिन जमीन हकीकत कुछ और है.
नदी की धार में बाराती तो आसानी से पार कर गए, लेकिन नई नवेली दुल्हन को नदी पार करना इतना आसान नहीं था. नाव में घूंघट निकाले दुल्हन को असमंजस में पाकर नदी पार कराने के लिए दूल्हे ने अपने कंधे पर उठा लिया. फिर नदी पार कराया.
बहरहाल, यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है और लोग तरह-तरह के कमेंटस भी कर रहे हैं . लोग इस घटना की जमकर चर्चा भी कर रहे हैं.
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