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बिहार:सड़क पर बिलखती रही मां, एंबुलेंस न मिलने से बच्चे की मौत

जहानाबाद सदर अस्पताल में 4 एंबुलेंस हैं, लेकिन एक भी बच्चे को बचाने के काम नहीं आए.

शादाब मोइज़ी
भारत
Updated:
बच्चे को लेकर रोती रही मां
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बच्चे को लेकर रोती रही मां
(फोटो: Screengrab)

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बिहार से एक रोंगटे खड़े कर देने वाला वीडियो सामने आया है. एक मां अपने बच्चे को लेकर सड़कों पर रोती, चीखती भाग रही है. बच्चे के माता-पिता का आरोप है उन्हें अस्पताल ने एंबुलेंस नहीं दी, इसलिए उनके बच्चे की मौत हो गई.

ये मामला है बिहार की राजधानी पटना से सिर्फ 50 किलोमीटर दूर जहानाबाद जिले का है. जहां एंबुलेंस नहीं मिलने की वजह से 10 अप्रैल को एक 3 साल के बच्चे की मौत हो गई.

एक इंडिपेंडेट पत्रकार ने सोशल मीडिया पर इस वीडियो को शेयर किया था, वीडियो के वायरल होने के बाद प्रशासन से लेकर अस्पताल की नींद खुली. जहानाबाद के जिला अधिकारी ने सदर अस्पताल के हेल्थ मैनेजर को सस्पेंड कर दिया है. साथ ही ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए गए हैं.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, जहानाबाद से सटा जिला है अरवल. वहां के शाहपुर गांव निवासी गिरजेश कुमार अपनी पत्‍नी और तीन साल के बीमार बच्‍चे को इलाज के लिए स्‍थानीय प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र (PHC) में दिखाने गए, लेकिन वहां बच्चे की हालत में सुधार नहीं हुआ. गिरजेश बताते हैं कि फिर वो लोग इस लॉकडाउन के बीच ही किसी तरह टेम्पो कर जहानाबाद सदर अस्‍पताल पहुंचे. डॉक्टरों ने 10 अप्रैल की सुबह करीब 11 बजे बच्‍चे को देखा. जिसके बाद उन्हें पटना जाने के लिए कहा गया. बच्चे के पिता गिरजेश कुमार के मुताबिक,

“पैदा होने के बाद से ही बच्चा हमेशा थोड़ा बीमार रहता था, लेकिन कुछ दिनों से खांसी और बुखार हो रहा था. इलाज चल रहा था, सदर अस्पताल में तबीयत ज्यादा खराब होने पर डॉक्टर ने पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्‍पताल (PMCH) जाने को कहा. लेकिन अस्‍पताल की तरफ से एंबुलेंस नहीं मिला. हम बच्चे को लेकर बाहर भागे, ताकि कहीं रास्ते में कोई गाड़ी मिल जाए. लेकिन लॉकडाउन में गाड़ी का इंतजाम नहीं हुआ. रास्ते में जब मेरे बच्चे की मौत हो गई तब उसे समाज के लोगों ने ही अपनी गाड़ी से हमें घर भेजा.”
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अस्पताल ने लापरवाही की बात मानी

जब इस मामले पर क्विंट ने जहानाबाद सदर अस्पताल के डिप्टी सुप्रीटेंडेंट डॉक्टर बीके झा से बात की तो उन्होंने कहा, “अस्पताल में कुल 4 एंबुलेंस हैं, सारी एंबुलेंस उस वक्त अस्पताल में ही थी, लेकिन परिवार खुद तनाव में था इसलिए अस्पताल से बदहवासी में निकल गया.

लेकिन जब क्विंट ने पूछा कि अगर अस्पताल एंबुलेंस देता तो कोई क्यों बाहर जाता, इसपर उन्होंने कहा, “बात सही है, लापरवाही हुई है, हम गलती मानते हैं.”

जहानाबाद के सिविल सर्जन, विजय कुमार सिन्हा से क्विंट ने जानने की कोशिश की तो उन्होंने कहा,

“अस्पताल प्रबंधन से गलती हुई है, जिन लोगों से लापरवाही हुई है उनपर कार्रवाई हो रही है. एक हेल्थ मैनेजर सस्पेंड कर दिया गया है, ड्यूटी पर मौजूद दोनों डॉक्टरों के खिलाफ जांच बैठ गई है, उनपर कड़ी कार्रवाई होगी.”

बता दें कि इससे पहले बिहार के आरा में बच्चे की भूख से और सही इलाज ना मिलने से मौत की बात सामने आई थी, लेकिन जिला प्रशासन ने भूख की बात से इनकार किया था. यहां तक की परिवार को किसी भी तरह का मुआवजा भी नहीं मिला.

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Published: 13 Apr 2020,02:09 PM IST

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