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एक तरफ दूसरे राज्यों में फंसे मजदूर और छात्र अपने घर आने के लिए तड़प रहे हैं, फिर भी नीतीश सरकार लॉकडाउन का हवाला देकर उन्हें बिहार लाने को तैयार नहीं है. लेकिन शायद ये बात नीतीश कुमार की गठबंधन वाली पार्टी बीजेपी के विधायक पर लागू नहीं होता है.
बिहार के हिसुआ विधानसभा से बीजेपी के विधायक अनिल सिंह लॉकडाउन के बीच ही कोटा में पढ़ रही अपनी बेटी को वापस बिहार ले आए हैं. उन्होंने बेटी को लाने के लिए ई पास बनवाया और खुद कोटा जाकर उसे नवादा ले आए. विधायक को मिले ई पास की खबर अब बाहर आ चुकी है.
दरअसल, कोरोना वायरस की वजह से देशभर में लॉकडाउन है. सीएम नीतीश कुमार बार-बार कह रहे हैं कि जो जहां हैं वो वहीं रुक जाए. यही नहीं जब उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोटा से अपने छात्रों को लाने के लिए बस भेजीं तब नीतीश कुमार ने ही इसका विरोध किया था. उन्होंन कई बार कहा है कि अगर लोग एक राज्य से दूसरे राज्य जाएंगे तो लॉकडाउन का मकसद ही खत्म हो जाएगा.
जब नवादा के जिला अधिकारी से द क्विंट ने पूछा कि जब मजदूर और बाकी छात्रों को लाने के लिए सरकार मना कर रही है तब विधायक को किस आधार पर ये पास दिया गया? इस पर जिला अधिकारी यशपाल मीना कहते हैं,
विधायक ने बेटे को वापस लाने के लिए ई-पास का आवेदन किया था, लेकिन जब द क्विंट ने विधायक से बातचीत की तो पता चला कि वो बेटे नहीं बेटी को वापस लाने गए थे. द क्विंट ने विधायक अनिल सिंह से बात की तो उन्होंने कहा, "मेरी बेटी कोटा के ऐलेन में मेडिकल की तैयारी कर रही है. वो वहां अकेली थी. पांच फ्लोर का हॉस्टल था, सब बच्चे चले गए थे. वो वहां अकेली थी. इसलिए हम उसे लाने गए."
हमने विधायक को ये बात भी याद दिलाई की आपके सीएम नीतीश कुमार बाहर से आने वालों के सख्त खिलाफ हैं, फिर आपने ऐसा क्यों किया? अनिल सिंह ने कहा,
बीजेपी विधायक को पास जारी किए जाने के बाद विपक्षी नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया है. उन्होंने कहा,
नीतीश के करीबी रहे प्रशांत किशोर ने भी इस पर सरकार पर हमला बोला. है. उन्होंने कहा,
बता दें कि लॉकडाउन की वजह से अभी भी कई लोग अलग-अलग राज्यों में रुके हुए हैं, और वो बिहार वापस आना चाहते हैं, लेकिन बिहार सरकार बार-बार पीएम मोदी की बात को दौहराते हुए कह रही है कि जो जहां हैं वहीं रुके.
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