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बिहार के मुंगेर में विधानसभा चुनाव के एक दिन पहले तनाव फैल गया है. दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई हिंसक झड़प में एक 18 साल के युवक की मौत हो गई और करीब 25 लोग घायल हो गए हैं. घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. मृतक की पहचान अनुराग पोद्दार के रूप में हुई है. कथित तौर पर अनुराग के सिर में गोली लगी.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिंसा उस समय शुरू हुई जब दुर्गा मूर्ति विसर्जित करने जा रहे लोगों और कोतवाली पुलिस के बीच झड़प हो गई. स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस ने कथित रूप से आंसू गैस का इस्तेमाल किया.
हालांकि, लोगों का आरोप है कि पुलिस ने गोली चलाई है. वहीं, पुलिस ने कहा है कि भीड़ में कुछ लोगों ने हथियार का इस्तेमाल किया. पुलिस ने दावा किया कि विसर्जन के दौरान 'कुछ असामाजिक तत्वों' ने पुलिस को निशाना बनाया और पत्थरबाजी की.
मृतक अनुराग पोद्दार के चाचा शंकर पोद्दार ने क्विंट को बताया कि घटना उनके घर से बमुश्किल 500 मीटर दूर हुई थी. शंकर ने कहा, "हमें नहीं पता कि कैसे हुआ. घर के पास में सब कुछ हुआ तो हमें पता चल गया."
अनुराग के पिता अमरनाथ पोद्दार मशीन टूल्स की एक छोटी सी दुकान चलाते हैं.
करीब के ही एक दुकानदार ने नाम न बताने की शर्त पर क्विंट से कहा कि हमने पुलिसवालों को भागते और लोगों को पीटते हुए देखा. दुकानदार ने कहा, "11 बजे तक सब ठीक था. विसर्जन के लिए मूर्तियां ले जा रहे थे. अचानक हमने गोली की आवाज सुनी, करीब 4-5 बार. हम अपने घर में थे तो हम छत पर माजरा देखने गए. अफरातफरी मची हुई थी. हम बहुत डर गए थे. हमने बहुत से लोगों को लाठीचार्ज में घायल होते देखा."
LJP अध्यक्ष चिराग पासवान ने ट्वीट कर कहा कि 'मुंगेर पुलिस के ऊपर 302 का मुकदमा दर्ज होना चाहिए.' पासवान ने लिखा, "श्रद्धालुओं को गोली मारना नीतीश के तालिबानी शासन को दिखाता है. एसपी को तत्काल सस्पेंड कर 302 के तहत FIR दर्ज करवाएं नीतीश कुमार जी."
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