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Bihar Political Crisis: नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व में एक बार फिर बिहार में NDA की सरकार बनने जा रही है. नीतीश, बीजेपी के दो डिप्टी सीएम के साथ सरकार बनाएंगे. बीजेपी प्रवक्ता सुमित शशांक ने जानकारी दी कि सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा बिहार के उपमुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. सम्राट चौधरी को बीजेपी ने 2023 में बिहार बीजेपी की जिम्मेवारी सौंपी थी. अब जब एनडीए की सरकार बनने जा रही है, तो उन्हें बिहार सरकार में भी अहम जिम्मेदारी दी जा रही है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा कौन हैं और उनका राजनीतिक सफर कैसा रहा है?
53 साल के सम्राट चौधरी कुशवाहा समाज से आते हैं. उनके पिता शकुनी चौधरी समता पार्टी के संस्थापकों में से एक थे और वे कुशवाहा समाज के एक बड़े नेताओं में शुमार थे.
सम्राट चौधरी का जन्म 16 नवंबर 1968 को मुंगेर के लखनपुर गांव में हुआ था. प्रदेश अध्यक्ष बनने से पहले सम्राट चौधरी बिहार विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष थे. उन्होंने सक्रिय राजनीति में 1990 में कदम रखा.
साल 2000 और 2010 में वो परबत्ता विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे. साल 2014 में वो नगर विकास विभाग के मंत्री रहे. 2014 में उन्हें राज्य शहरी और विकास विभाग का जिम्मा सौंपा गया.
साल 2018 में उन्होंने लालू यादव की आरजेडी का दामन छोड़ दिया और बीजेपी में शामिल हो गए. इसके बाद बीजेपी ने पिछले साल उन्हें संजय जायसवाल की जगह प्रदेश अध्यक्ष बनाया. अब बिहार में नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद फिलहाल, सम्राट चौधरी को विधायक दल का नेता चुना गया है और विजय सिन्हा को विधायक दल का उपनेता चुना गया है.
विजय सिन्हा का जन्म लखीसराय के तिलकपुर में 5 जून 1967 को हुआ था. उनके पिता का नाम स्व. शारदा रमण सिंह और मां का नाम स्व. सुरमा देवी था. विजय सिन्हा के पिता पटना के बाढ़ स्थित बेढ़ना के हाई स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक थे. राजनीतिक जानकारों के अनुसार, वे RSS बैकग्राउंड से आते हैं. वे भूमिहार समाज से आते हैं.
वे लखीसराय निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं. लगातार तीन बार से जीत दर्ज कर रहे हैं.
विजय कुमार सिन्हा बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता रह चुके हैं.
वे 25 नवंबर 2020 से 24 अगस्त 2022 तक बिहार विधानसभा के अध्यक्ष थे.
साल 2000 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के प्रदेश संगठन प्रभारी की जिम्मेवारी सौंपी गई थी. 2004 में बीजेपी के प्रदेश कार्यसमित के सदस्य बने.
2017 में नीतीश कुमार ने जब आरजेडी छोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाई थी, तब विजय सिन्हा को श्रम संसाधन मंत्रालय की जिम्मेवारी सौंपी गई थी.
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