Home News India रामनवमी हिंसा:दंगाइयों ने जलाया बिहारशरीफ का 110 साल पुराना मदरसा-देखें तस्वीरें
रामनवमी हिंसा:दंगाइयों ने जलाया बिहारशरीफ का 110 साल पुराना मदरसा-देखें तस्वीरें
Madrasa Azizia Burnt Photos: मदरसे की लाइब्रेरी में इस्लामिक साहित्य की 4,500 से अधिक किताबें जलकर खाक
क्विंट हिंदी
भारत
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आजीजिया मदरसा हिंसा की भेंट चढ़ा
(फोटोः क्विंट हिंदी)
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बिहार के नालंदा स्थिति बिहार शरीफ में 100 साल से ज्यादा पुराना अजीजिया मदरसे को दंगायियों ने आग के हवाले कर दिया. इमाम का आरोप है कि मदरसा के पुस्तकालय में सांप्रदायिक हिंसा में इस्लामिक साहित्य की 4,500 से अधिक किताबें जलकर खाक हो गई हैं. बिहार पुलिस ने कहा है कि रामनवमी उत्सव के दौरान राज्य के नालंदा जिले के बिहारशरीफ में भड़की हिंसा के सिलसिले में अब तक 109 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
बिहार के नालंदा स्थिति बिहार शरीफ में 100 साल से ज्यादा पुराना अजीजिया मदरसे को दंगायियों ने आग के हवाले कर दिया. बिहार शरीफ में 4 अप्रैल तक धारा 144 लागू है. जिले में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है. इस हिंसा में एक व्यक्ति की भी मौत हुई है, प्रशासन की तरफ से मृतक के परिवार को 5 लाख मुआवजा देने की घोषणा की गई है.
(फोटोः क्विंट हिंदी)
मस्जिद के इमाम और मदरसे के केयरटेकर मोहम्मद सियाबुद्दीन ने आरोप लगाते हुए कहा कि लगभग 1,000 लोगों की सशस्त्र भीड़ ने बिहारशरीफ के मुरारपुर इलाके में स्थित इस मदरसे में तोड़फोड़ की और उसके पुस्तकालय में आग लगा दी. उन्होंने कहा कि 4,500 से अधिक पुस्तकों के संग्रह वाली 110 साल पुरानी लाइब्रेरी हमले में राख हो गई.
(फोटोः क्विंट हिंदी)
मदरसे के केयरटेकर ने कहा कि “हमने शुक्रवार की नमाज पूरी की ही थी कि होटल सिटी पैलेस के पास गगन दीवान इलाके में हिंसा भड़क उठी. इसके बाद भीड़ मदरसे में घुस गई और पथराव शुरू कर दिया. मस्जिद की शांति समिति के एक सदस्य को कथित रूप से 'जय श्री राम' के नारे लगाने की धमकी दी गई. उन्होंने मस्जिद और पुस्तकालय में पेट्रोल बम फेंके और परिसर में खड़े वाहनों में आग लगा दी.
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आग बुझने के बाद मदरसा की हालत दिखाते मदरसा के प्रिंसिपल.
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मदरसा की जली हुई खिड़कियां
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बिहार के DGP ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि मामले में अभी तक 109 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 12 प्राथमिकी दर्ज की गई है. इलाके में शांति बनाए रखने के लिए फ्लैग मार्च किया गया. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त अर्धसैनिक बल तैनात किया गया है.
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हिंसा से पहले की तस्वीर: केयरटेकर मोहम्मद सियाबुद्दीन ने कहा कि रात 11 बजे तक पुलिस मौके पर नहीं पहुंची, जबकि हमला दोपहर में हुआ. उन्होंने कहा कि “दो बच्चे धुएं से भरे एक कमरे में फंस गए थे. अगर मैं समय पर वहां नहीं पहुंचा होता, तो हम उन्हें खो देते.
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हिंसा से पहले की तस्वीर: द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, जब द हिंदू की टीम वहां पहुंची तो पुस्तकालय और उसके 22 कक्षाओं के बाहर पेट्रोल बम पाया. 450 छात्रों वाले छह एकड़ में फैला मदरसा रमजान के लिए बंद था, लेकिन बदमाश ताला तोड़कर परिसर में घुस गए.
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हिंसा से पहले की तस्वीर: मदरसे के पास रहने वाले बिहारशरीफ कोर्ट के वकील सरफराज मल्लिक ने कहा कि "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमले में दुर्लभ किताबें जला दी गईं, जो बच्चों की शिक्षा को बाधित करने के इरादे से किया गया था."
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मदरसे के एक गार्ड मोहन बहादुर ने कहा कि भीड़ ने उस पर हमला किया, लेकिन वह भागने में सफल रहे. “वे तलवारों और छड़ों से लैस थे, और ‘जय श्री राम’ के नारे लगा रहे थे. मैं मौके से भाग गया, लेकिन उन्होंने मेरे कमरे से ₹3,500 ले लिए.”
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बिहारशरीफ के निवासी शत्रुघ्न प्रसाद ने कहा कि इलाके में 1981 के बाद से ऐसी हिंसा हुई है. 1981 के सांप्रदायिक दंगों में 45 लोग मारे गए थे. उन्होंने कहा, "तब जगन्नाथ मिश्रा मुख्यमंत्री थे और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दंगा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था."
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