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बिहार (Bihar) के पश्चिमी चंपारण में बसे बगहा में शनिवार को आदमखोर बाघ को मार दिया गया. जानकारी के मुताबिक वह पिछले 6 महीने में 10 लोगों पर हमला कर चुका था. इस हमले में 9 लोगों की जान भी चली गई थी, जबकि एक व्यक्ति जिंदगी भर के लिए लाचार हो गया. इसने 48 घंटे में ही बाघ ने 4 लोगों की जान ले ली थी. वन विभाग की टीम बीते 25 दिनों से बगहा के जंगलों में बाघ की तलाश कर रही थी. टीम में बिहार वन विभाग के सीनियर अधिकारियों सहित दूसरे एक्सपर्ट शामिल थे.
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बाघ किसी दूसरे बाघ की टेरेटरी में आ गया था. इसके कारण वो जंगल में नहीं जा पा रहा था. गांवों के आस-पास घूम रहा था और लोगों को अपना शिकार बना रहा था.
बाघ को खत्म करने के लिए 8 सदस्यीय टीम का गठन किया गया, जिसमें बगहा, बेतिया और मोतिहारी एसटीएफ के साथ-साथ जिला पुलिस के तेज तर्रार जवानों को शामिल किया गया. उन्हें अत्याधुनिक असलहे दिए गए थे, वीटीआर की गाड़ी के सवार होकर वे मौके पर पहुंचे और फायरिंग कर बाघ को मार गिराया.
दरअसल, वाल्मिकी टाइगर रिजर्व में शनिवार को आदमखोर बाघ ने एक बार फिर से दो लोगों को अपना शिकार बनाया. यहां लगातार तीसरे दिन आदमखोर बाघ ने एक महिला और उसकी 07 वर्षीय बेटे पर हमला कर उनकी जान ले ली. ग्रामीणों ने दोनों महिलाओं का शव भी बरामद कर लिया है. दो महिलाओं की मौत के बाद यहां के ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट गया.
मरने वालों में बलुआ गांव में स्व. बहादुर यादव की पत्नी बबीता देवी और उनके सात वर्षीय पुत्र शिवम कुमार पर हमला किया था.
आदमखोर बाघ को मारने के लिए वन विभाग की 400 से ज्यादा लोगों की टीम पिछले 24 घंटे से बाघ को मारने की तलाश में जुटी थी लेकिन बाघ को तलाश कर पाने में टीम को शनिवार सुबह तक सफलता नहीं मिल सकी थी. इसके बाद करीब 7 घंटे का ऑपरेशन चला और बाघ को मारने में सफलता मिली.
08 मई: अविनाश कुमार, बैरिया कला हरनाटांड़
14 मई: जिमरी, नौतनवा, सेमरा
20 मई: पार्वती देवी, कटाह पुरैना, चिउटहां
14 जुलाई: धर्मराज काजी, बैरिया कला हरनाटांड़
12 सितंबर: गुलाबी देवी, बैरिया कला हरनाटांड़
21 सितंबर: रामप्रसाद उरांव, बैरिया कला सरेह में हरनाटांड़
06 अक्टूबर: बगड़ी कुमारी, सिगाही गांव
07 अक्टूबर: संजय महतो, डुमरी थाना गोबर्धना और बलुआ गांव की 35 वर्षीय महिला और उसका 10 वर्षीय बेटा
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