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Me, The Change:बिहार की मैथिली ठाकुर जिनकी आवाज का जमाना है दीवाना

मैथिली ठाकुर गाना नहीं चाहती थीं. वो सोचती थीं, “क्यों करना है?”

क्विंट हिंदी
भारत
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मैथिली क्लासिकल म्यूजिक सिंगर हैं, जो कलर्स टीवी चैनल की राइजिंग स्टार संगीत काॅम्पिटिशन 2017 एडिशन की रनरअप थीं.
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मैथिली क्लासिकल म्यूजिक सिंगर हैं, जो कलर्स टीवी चैनल की राइजिंग स्टार संगीत काॅम्पिटिशन 2017 एडिशन की रनरअप थीं.
(फोटो: Facebook/Maithli Thakur)

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बचपन में, मैथिली ठाकुर गाना नहीं चाहती थीं. वो सोचती थीं, “क्यों करना है?” आज, बिहार के मधुबनी की18 साल की ये युवा मैथिली संगीत की दुनिया के साथ-साथ सोशल मीडिया की भी सनसनी हैं. मैथिली का यूट्यूब पर 5.40 लाख, 9 लाख से ज्यादा लाइक्स वाला फेसबुक वेरीफाइड पेज और इंस्टाग्राम पर 2.66 लाख फाॅलोअर वाला वेरीफाइड हैंडल है.

इंडियन क्लासिकल सिंगर मैथिली ने 2016 में आई जीनियस यंग सिंगिंग स्टार प्रतियोगिता जीती, कलर्स टीवी चैनल के रियलिटी म्यूजिक शो राइजिंग स्टार के 2017 एडिशन में रनर-अप बनीं और इंडियन आइडल के 2015 के सीजन में टॉप 20 में जगह बनाई.

मैथिली राइजिंग स्टार में अपने अनुभव को याद करती हैं. उनका कहना है कि उन्होंने वहां हर किसी से कुछ ना कुछ सीखा, चाहे वो मेंटर्स हों या दूसरे पार्टिसिपेंट. “मुझे खासकर ये बात पसंद आती थी कि ये अनएडिटेड था और जो कुछ भी हुआ वो सब ब्राॅडकास्ट हुआ. ये एक अच्छा अनुभव था और मैंने इससे बहुत कुछ सीखा.”

वो एक सांस में ये सब बोल जाती हैं.

मैथिली अपने छोटे भाइयों, ऋषभ और अयाची के साथ.(फोटो: Facebook/Maithli Thakur)

अब दिल्ली में द्वारका की निवासी बन चुकीं मैथिली एक संगीत-प्रेमी परिवार से हैं. उनके पिता और दादा दोनों गायक रहे और उनके दो छोटे भाई अब परफॉर्मेंस के दौरान मंच पर उनके साथ होते हैं- एक तबलावादक के रूप में और दूसरा गायक के रूप में. मैथिली का कहना है कि वो जो कुछ भी जानती हैं, उनके पिता रमेश ठाकुर का सिखाया हुआ है. अब वो उनके करियर को मैनेज करते हैं.

‘बड़ी भीड़ एक मोटिवेटिंग फैक्टर है’

मैथिली ने तीन साल की उम्र में संगीत की ट्रेनिंग लेनी शुरू की और वो 11 साल की उम्र से परफॉर्मेंस कर रही हैं. अब वो पूरे भारत में शो करती हैं और नवंबर महीने में पूरे देश में उनके 20 म्यूजिकल इवेंट तय हैं.

वो कहती हैं कि उनके शो में 10 लाख तक दर्शक आते हैं. वो चहकते हुए बताती हैंइससे पहले मैं 10 लोगों के सामने भी गाने से डर जाती थी. अब बड़ी भीड़ एक मोटिवेटिंग फैक्टर बन गई है.”

“मैंने अपने शो के लिए कोयंबटूर, असम और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों की यात्रा की है. शुरू में मैं फ्लाइट में चढ़ने को लेकर बहुत रोमांचित होती थी कि ऊपर से सब कुछ दिखता है. अब, मैं इसकी आदी हो चुकी हूं क्योंकि कभी-कभी एक हफ्ते में मुझे चार फ्लाइट लेनी होती है.” वो हंसती हैं.

गायिका मैथिली के लिए अगली मंजिल विदेश यात्रा है.

एक शो के दौरान मैथिली.(फोटो: Facebook/Maithli Thakur)
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दिल्ली विश्वविद्यालय के आत्माराम सनातन धर्म कॉलेज में बीए प्रोग्राम की फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट मैथिली का कहना है कि हर कोई उनसे एक सेलेब्रेटी की तरह बर्ताव करता है और उनके साथ बहुत अच्छी तरह पेश आता है

“मैं अपने शो और इंटरव्यू की वजह से रेगुलर कॉलेज नहीं जा पाती. लेकिन मुझे कॉलेज और मेरे दोस्तों का सपोर्ट हासिल है. वे सभी मेरी मदद करते हैं.”

उनका एक अल्बम जारी हो चुका है जिसका टाइटल है या रब्बा. ये 2016 में आई जीनियस कॉम्पिटीशन जीतने पर इनाम के रूप में रिलीज किया गया था. लेकिन इस युवा लड़की के लिए ये अंतिम उपलब्धि नहीं है.

मुझे रीजनल म्यूजिक में अल्बम के लिए हमेशा फोन आते हैं. लेकिन मेरे पिता की उसमें रुचि नहीं हैं. हम दोनों मेरे लिए एक धमाकेदार शुरुआत चाहते हैं.

अपने परिवार की मदद करना

फिलहाल, मैथिली का लक्ष्य सोशल मीडिया पर अपनी पहचान बनाना है और अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन के लिए सभी प्लेटफाॅर्मों का बेहतर इस्तेमाल करना है.

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के साथ मैथिली ठाकुर(फोटो: Facebook/Maithli Thakur)

लेकिन मैथिली के लिए ये सब इतना आसान नहीं था. यहां तक पहुंचने की राह में कई बार फाइनेंशियल प्राॅब्लम उन्हें झेलनी पड़ी और दिल्ली आने के बाद उन्हें कई बार घर बदलना पड़ा.

“हमारे पास पैसे से जुड़ी बहुत प्राॅब्लम थीं. शुरुआत में हमने तिलक नगर में 1 बीएचके के मकान में किराए का घर लिया, जहां हम पांच (उनके माता-पिता और उसके दो भाई) लोग रहते थे. हमें कई बार घर बदलना पड़ा और ये हर बार 1 बीएचके ही था. आखिरकार अब दो महीने पहले हमने अपना खुद का, द्वारका में 2 बीएचके अपार्टमेंट खरीदा. हमारी वित्तीय हालत अब बेहतर है.” वो कहती हैं, ये उनके शो से मिलने वाले पैसे से मुमकिन हुआ है. 

मैथिली के लिए भविष्य और क्या ला रहा है?

मैथिली कहती हैं, “मुझे कई संगीत निर्देशकों, यहां तक कि विशाल ददलानी का भी फोन आ चुका है और उन्होंने मुझसे कहा है कि जब कभी मुंबई जाऊं तो उनसे मिलूं. हमारी योजना अगले साल मुंबई शिफ्ट हो जाना और म्यूजिक स्टूडियो के साथ काम करना, बॉलीवुड के लिए गाना गाना है. एक स्ट्रगलर के रूप में ऐसा करना बहुत मुश्किल होता, क्योंकि मुंबई में पांव जमा पाना बहुत मुश्किल होता है. लेकिन अब मुझे लगता है कि मैं ये कर सकती हूं.”

लेकिन मैथिली का सपना बॉलीवुड में एक प्लेबैक सिंगर बनने से जुदा है. “मैं चाहती हूं कि लोग मेरा नाम सुनें और कहें, जी हां, हम हमेशा मैथिली के गाने सुनते हैं. बॉलीवुड में इतने सारे गायक हैं, लेकिन आप उन सभी के नाम नहीं जानते. मुझे ये नहीं चाहिए. मैं चाहती हूं कि मेरी अपनी पहचान हो.”

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