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गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर सोमवार की दोपहर इलाज के लिए फिर मुंबई के लीलावती अस्पताल रवाना हुए. पर्रिकर ने अपने राज्य के प्रशासनिक मामलों का प्रभार तीन वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों की समिति के हवाले कर वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए कैबिनेट बैठक आयोजित करने का भरोसा दिया. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने यह भी कहा कि अगर मुंबई अस्पताल के चिकित्सक सिफारिश करते हैं तो पर्रिकर को विदेश में भी भर्ती कराया जा सकता है.
सीएमओ ने एक बयान में कहा गया है, आज (सोमवार), मुख्यमंत्री आगे की चिकित्सा जांच के लिए मुंबई जा रहे हैं और चिकित्सक की सलाह पर आगे के इलाज के लिए वह विदेश जा सकते हैं. दिन भरी चली जद्दोजहद में पर्रिकर ने राज्य में सत्तारूढ़ राजनेताओं, नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों के साथ कई बैठकें कीं, जहां उन्होंने शासन से संबंधित निर्देश जारी किए.
मुख्य कैबिनेट मंत्रियों के बीच उनसे मिलने पहुंचे नेताओं में गोवा फॉरवर्ड पार्टी के नेता और कृषि मंत्री विजय सरदेसाई और शहरी विकास मंत्री फ्रांसिस डिसूजा शामिल हैं.
इन दोनों मंत्रियों के साथ लोक निर्माण विभाग मंत्री सुदीन धावलीकर एक तीन सदस्यीय समिति का गठन करेंगे, जो मुख्यमंत्री की गैर मौजूदगी में प्रशासनिक फैसले लेगी. सुदीन सोमवार को दिल्ली में ही थे. मुख्यमंत्री से सोमवार को मिलने वाले एक कैबिनेट मंत्री ने कहा, आज (सोमवार) को उनसे मिलने वाले कुछ मंत्रियों को उन्होंने बताया है कि कैबिनेट की बैठकें वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए आयोजित की जाएंगी.
कला एवं संस्कृति मंत्री गोविंद गावड़े ने मुख्यमंत्री से मिलने के बाद संवाददाताओं को बताया, तीन सदस्यीय दल को पांच करोड़ रुपये के कार्य को मंजूरी देने की शक्ति होगी, जबकि हर मंत्री के पास 50 लाख रुपये के कार्य ठेके को मंजूरी देने का अधिकार होगा.
पर्रिकर को 15 फरवरी को लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सीएमओ के मुताबिक, उनका हल्के अग्नाशय (पैंक्रियाज) शोथ का इलाज चल रहा है. पर्रिकर संक्षिप्त बजट भाषण के लिए 22 फरवरी को लौटे थे, जिसके दो दिन बाद उन्हें पानी की कमी और निम्न रक्तचाप के कारण पणजी के समीप गोवा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पर्रिकर को एक मार्च को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी और वह पणजी के समीप अपने निजी आवास पर रह रहे हैं.
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