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Bilkis Bano Case: बिलकिस बानो गैंगरेप और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या मामले के 11 दोषियों में से तीन ने आत्मसमर्पण करने के लिए समय बढ़ाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. दोषियों ने याचिका में अपने स्वास्थ्य और पारिवारिक जिम्मेदारियों का हवाला दिया है. दोषी गोविंदभाई नाई ने संबंधित जेल अधिकारियों के समक्ष सरेंडर करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.
दोषियों के वकील द्वारा तत्काल सुनवाई के लिए उनकी याचिका का उल्लेख करने के बाद सुप्रीम कोर्ट उनकी याचिका को सूचीबद्ध करने पर सहमत हुआ है.
NDTV के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका में, नाई का काम करने वाले गोविंदभाई ने छूट का अनुरोध करने के लिए कई कारण बताए है. उन्होंने दावा किया कि वह अपने 88 वर्षीय बिस्तर पर पड़े पिता और 75 वर्षीय मां की एकमात्र देखभाल करने वाले हैं, जो पूरी तरह से उन पर निर्भर हैं.
नाई ने अपनी याचिका में दावा किया कि जेल से रिहा होने के बाद, उन्होंने किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया और रिहाई आदेश के नियमों और शर्तों का पालन किया.
बार एंड बेंच के अनुसार, दोषी रमेश रूपाभाई चंदना ने यह दावा करते हुए छह सप्ताह का समय और बढ़ाने की मांग की है कि उन्हें अपने बेटे की शादी करनी है और जिम्मेदारी पूरी करनी है.
दोषी मितेश चिमनलाल भट ने यह कहते हुए छह सप्ताह की मोहलत मांगी है कि उसकी सर्दियों की उपज कटाई के लिए तैयार है और वह प्रक्रिया पूरी करना पसंद करेगा और फिर आत्मसमर्पण करेगा.
बता दें कि 8 जनवरी को एक ऐतिहासिक फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप करने और उसकी तीन साल की बेटी सहित उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या करने वाले 11 लोगों को छूट देने के गुजरात सरकार के फैसले को रद्द कर दिया था.
जिन 11 दोषियों को 22 जनवरी तक सरेंडर करना था, उसमें जसवंत नाई, गोविंदभाई नाई, शैलेश भट्ट, राध्येशम शाह, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहनिया, प्रदीप मोर्दिया, बकाभाई वोहनिया, राजूभाई सोनी, मितेश भट्ट और रमेश चंदना का नाम शामिल है.
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