Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Birbhum violence: कलकत्ता HC ने 24 घंटे के अंदर सरकार से मांगी जांच रिपोर्ट

Birbhum violence: कलकत्ता HC ने 24 घंटे के अंदर सरकार से मांगी जांच रिपोर्ट

West Bengal के बीरभूम में हुई हिंसा को लेकर HC ने क्राइम सीन पर CCTV लगाने के निर्देश दिए

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>Birbhum violence:कलकत्ता HC ने मांगा जांच रिपोर्ट, क्राइम सीन पर लगें CCTV कैमरे</p></div>
i

Birbhum violence:कलकत्ता HC ने मांगा जांच रिपोर्ट, क्राइम सीन पर लगें CCTV कैमरे

(फोटो- पीटीआई)

advertisement

कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार, 23 मार्च को ममता बनर्जी सरकार को पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हुई हिंसा (Birbhum violence) की जांच के बारे में केस डायरी / रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश करने का निर्देश दिया है. बीरभूम जिले के रामपुरहाट कस्बे के पास मंगलवार को स्थानीय टीएमसी नेता भादु शेख की हत्या के प्रतिशोध में कथित तौर पर 8 लोगों की जलाकर हत्या कर दी गई थी.

चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस राजर्षि भारद्वाज की अध्यक्षता वाली पीठ ने महाधिवक्ता के इस तर्क को ध्यान में रखा कि मामले की जांच को CBI या किसी अन्य एजेंसी को ट्रांसफर करने सम्बंधित किसी फैसले से पहले राज्य सरकार की जांच पर विचार करना चाहिए, उसे जांचा-परखना चाहिए.

कोर्ट ने क्या निर्देश दिया

मामले पर स्वतः संज्ञान याचिका के तहत सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि

“हम पहले राज्य सरकार को कल (24 मार्च) दोपहर 2 बजे तक केस डायरी/जांच के बारे में रिपोर्ट पेश करने का मौका देते हैं. अब तक की गई जांच की रिपोर्ट 24 मार्च को दोपहर 2 बजे तक पेश की जाएगी."

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार यह सुनिश्चित करने के लिए कि मौके पर सबूत सुरक्षित रहे और गवाहों की रक्षा हो, कोर्ट ने ये निर्देश दिए:

  • राज्य तुरंत सभी एंगल से घटनास्थल को कवर करने वाली पर्याप्त मेमोरी वाले DVR के साथ CCTV कैमरा लगाएगा और अगले आदेश तक लगातार रिकॉर्डिंग करेगा. जिला न्यायाधीश, पूर्व बर्धमान जिले की उपस्थिति में कैमरे लगाए जाएं.

  • CFSL (सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) दिल्ली की एक टीम को घटना स्थल का दौरा करने और बिना किसी देरी के फोरेंसिक जांच के लिए आवश्यक सामग्री एकत्र करने का निर्देश दिया गया है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
  • DGP और IGP को जिला न्यायाधीश, पूर्व बर्धमान जिले की सलाह से यह सुनिश्चित करना चाहिए कि गवाहों को पर्याप्त रूप से सुरक्षा दिया गया है और उन्हें किसी के द्वारा धमकाया या प्रभावित नहीं जा रहा.


  • पोस्टमॉर्टम पहले ही हो चुका है. यदि कोई बचा है तो उसकी वीडियोग्राफी की जाए और कोर्ट में दाखिल रिपोर्ट में यह खुलासा किया जाएगा कि सभी पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी की गई है या नहीं.

गौरतलब है कि यह आदेश कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा शुरू किए गए एक स्वत: संज्ञान मामले के साथ-साथ कुछ व्यक्तियों द्वारा दायर कुछ जनहित याचिकाओं (PIL) पर पारित किया गया है.

याचिकाकर्ताओं ने ममता बनर्जी सरकार द्वारा गठित SIT पर निष्पक्ष नहीं होने का आरोप लगाते हुए जांच सीबीआई को ट्रासंफर करने की मांग की है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT