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‘भारत रत्‍न’ बिस्मिल्लाह खान की पसंदीदा शहनाइयां चोरी

बिस्मिल्लाह खान के देहांत होने के बाद से संग्रहालय बनाने की मांग होती रही है, लेकिन संग्रहालय नहीं बना सका.

द क्विंट
भारत
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शहनाई बजाते बिस्मिल्लाह खान  (फोटो/ youtube)
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शहनाई बजाते बिस्मिल्लाह खान (फोटो/ youtube)
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भारत रत्न बिस्मिल्लाह खान की यादगार धरोहरों में शुमार पांच शहनाइयां वाराणसी में उनके बेटे के घर से चोरी हो गई हैं. इनमें से एक उनकी पसंदीदा शहनाई थी, जो वह मुहर्रम के जुलूस में बजाया करते थे.

दस साल पहले बिस्मिल्लाह खान के देहांत होने के बाद उनकी याद में संग्रहालय बनाने की मांग होती रही, लेकिन अभी तक कोई संग्रहालय नहीं बन सका. ऐसे में उनकी अनमोल धरोहर उनके बेटों के पास घर में संदूकों में रखी है, जिनमें से पांच शहनाइयां रविवार रात चोरी हो गईं.

पोते ने दी घटना जानकारी दी

बिस्मिल्लाह खान के पोते रजी हसन ने वाराणसी में बताया ,‘‘ हमें रविवार रात इस चोरी के बारे में पता चला और हमने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है. चोरी हुए सामान में चार चांदी की शहनाइयां, एक लकड़ी की शहनाई, इनायत खान सम्मान और दो सोने के कंगन थे.''

हमने पिछले दिनों दालमंडी में नया मकान लिया है, लेकिन 30 नवंबर को हम सराय हरहा स्थित पुश्तैनी मकान में आए थे, जहां दादाजी रहा करते थे. जब नए घर लौटे, तो दरवाजा खुला था और संदूक का ताला भी टूटा हुआ था.
रजी हसन, बिस्मिल्लाह खान के पोते

भेंट में मिली थीं शहनाइयां

पौत्र हसन ने बताया, ‘‘ये शहनाइयां दादाजी को बहुत प्रिय थीं. इनमें से एक पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव ने उन्हें भेंट की थी, एक केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने और एक लालू प्रसाद ने दी थी, जबकि एक उन्हें उनके एक प्रशंसक से तोहफे में मिली थी.”

रजी हसन ने बताया, चोरी हुई शहनाइयों में एक खास शहनाई वह मुहर्रम के जुलूस में बजाया करते थे. अब उनकी कोई शहनाई नहीं बची है. शायद रियाज के लिए इस्तेमाल होने वाली लकड़ी की कोई शहनाई बची हो.

इतनी अनमोल धरोहर घर में क्यों थी?

बिस्मिल्लाह खान को धरोहरों के नाम पर भारत रत्न सम्मान, पदमश्री जैसे अनैक पदक मिले हैं. यह पूछने पर कि इतनी अनमोल धरोहरें उन्होंने घर में क्यों रखी थीं, हसन ने कहा कि पिछले दस साल से उनका परिवार इसकी रक्षा करता आया था, तो उन्हें लगा कि ये सुरक्षित हैं.

हसन को उम्मीद थी कि उनके दादाजी की याद में म्यूजियम बन जाएगा, लेकिन ऐसा अब तक नहीं हो सका है.

इनपुट भाषा से

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