advertisement
भारत रत्न बिस्मिल्लाह खान की यादगार धरोहरों में शुमार पांच शहनाइयां वाराणसी में उनके बेटे के घर से चोरी हो गई हैं. इनमें से एक उनकी पसंदीदा शहनाई थी, जो वह मुहर्रम के जुलूस में बजाया करते थे.
दस साल पहले बिस्मिल्लाह खान के देहांत होने के बाद उनकी याद में संग्रहालय बनाने की मांग होती रही, लेकिन अभी तक कोई संग्रहालय नहीं बन सका. ऐसे में उनकी अनमोल धरोहर उनके बेटों के पास घर में संदूकों में रखी है, जिनमें से पांच शहनाइयां रविवार रात चोरी हो गईं.
बिस्मिल्लाह खान के पोते रजी हसन ने वाराणसी में बताया ,‘‘ हमें रविवार रात इस चोरी के बारे में पता चला और हमने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है. चोरी हुए सामान में चार चांदी की शहनाइयां, एक लकड़ी की शहनाई, इनायत खान सम्मान और दो सोने के कंगन थे.''
पौत्र हसन ने बताया, ‘‘ये शहनाइयां दादाजी को बहुत प्रिय थीं. इनमें से एक पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव ने उन्हें भेंट की थी, एक केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने और एक लालू प्रसाद ने दी थी, जबकि एक उन्हें उनके एक प्रशंसक से तोहफे में मिली थी.”
बिस्मिल्लाह खान को धरोहरों के नाम पर भारत रत्न सम्मान, पदमश्री जैसे अनैक पदक मिले हैं. यह पूछने पर कि इतनी अनमोल धरोहरें उन्होंने घर में क्यों रखी थीं, हसन ने कहा कि पिछले दस साल से उनका परिवार इसकी रक्षा करता आया था, तो उन्हें लगा कि ये सुरक्षित हैं.
हसन को उम्मीद थी कि उनके दादाजी की याद में म्यूजियम बन जाएगा, लेकिन ऐसा अब तक नहीं हो सका है.
इनपुट भाषा से
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)