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रामदेव और बीजेपी के रिश्तों में गुस्से और प्यार का खेल क्या है?

जानिए- कब-कब दिखी बीजेपी और बाबा के बीच तल्खी

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संपर्क फॉर समर्थन के तहत योग गुरु रामदेव से मुलाकात करते बीजेपी चीफ अमित शाह
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संपर्क फॉर समर्थन के तहत योग गुरु रामदेव से मुलाकात करते बीजेपी चीफ अमित शाह
(फोटोः Ramdev)

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योगी आदित्यनाथ सरकार ने योग गुरु रामदेव के मेगा फूड पार्क के लिए दी गई जमीन क्यों वापस ले ली? वो भी उन रामदेव से जिन्हें विपक्षी बीजेपी का गुरु होने के ताने मारते हैं. जो दिख रहा है कहानी वही है या परदे के पीछे कुछ और है.

मंगलवार रात को अचानक बाबा रामदेव के सहयोगी और उनकी कंपनी पतंजलि के सीईओ बालकृष्ण ने ट्वीट किया कि ग्रेटर नोएडा में बनने वाला फूड पार्क कहीं और ले जाना होगा क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार ने जमीन आबंटन पर हाथ पीछे खींच लिए हैं.

जैसे ही रामदेव और बालकृष्ण को अंदाज रहा होगा, इस ट्वीट से हड़कंप मच गया. टीवी चैनल, अखबार और सोशल मीडिया में खबर छा गई. दो योगियों के बीच की तकरार में पूरा मसाला था. बात इसलिए भी बड़ी हो गई कि एक दिन पहले ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी रामदेव से मिलकर आए थे.

बस इसके कुछ ही घंटों बाद खबर आ भी गई कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योग गुरु रामदेव को फोन किया है और भरोसा दिलाया है कि सब दिक्कत ठीक कर देंगे. मेगा फूड पार्क तो वहीं बनेगा.

दरअसल बाबा रामदेव और बीजेपी के रिश्तों में कई बार इसी तरह की नरमी और गरमी आती रही है, यानी ये पहला मौका नहीं है.

आइए जानते हैं बीजेपी के साथ बाबा के बनते-बिगड़ते रिश्ते की कहानी-

2014 के आम चुनावों से पहले रामदेव ने कांग्रेस के खिलाफ जोरशोर से अभियान चलाया था. बाबा की कैंपेनिंग ने बीजेपी की जीत में बड़ा रोल निभाया. इसके अलावा बाबा ने कई बार सार्वजनिक मंचों से पीएम मोदी की जमकर तारीफ भी की, लेकिन अब अगला चुनाव करीब आ रहा है तो बाबा गुस्सा क्यों रहे हैं?

BJP से करीबी की वजह

बाबा के बीजेपी के करीब आने की सबसे बड़ी वजह कांग्रेस से उनकी अदावत ही रही. यूपीए - 2 में बाबा रामदेव ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर योग के मंचों से शुरू हुआ कांग्रेस के खिलाफ बाबा का मौन युद्ध रामलीला मैदान तक पहुंचा.

बाबा रामदेव ने रामलीला मैदान में विदेशी बैंकों में जमा कालेधन को वापस लाने की मांग को लेकर अनशन किया. इस आंदोलन में हजारों लोग शामिल हुए. इस आंदोलन में तत्कालीन सरकार पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों ने ही कांग्रेस को कमजोर किया.

इतना ही नहीं 2014 के आमचुनावों में बाबा रामदेव ने बीजेपी के पक्ष में जोर-शोर से प्रचार भी किया.

मोदी के शपथ ग्रहण पर खफा हुए बाबा

बाबा रामदेव ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने में पुरजोर मेहनत की थी. मेहनत सफल हुई और बीजेपी को बहुमत मिला. बीजेपी से बाबा की पहली नाराजगी पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के वक्त देखी गई.

उस दौर में छपी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाबा रामदेव नरेंद्र मोदी से नाराज थे. इसी नाराजगी से मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भी नहीं आए. बाबा रामदेव ने नाराजगी की असली वजह तो नहीं बताई पर चर्चा यही गरम रही कि मोदी कैबिनेट में उनके करीबियों को जगह नहीं मिली. बहरहाल बाद में कई बार पीएम मोदी के साथ भी बाबा को देखा गया तो लगा उनकी नाराजगी दूर हो गई है.

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हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी खफा हुए थे बाबा

2014 में लोकसभा चुनाव के बाद साल के आखिर में हरियाणा विधानसभा चुनाव हुआ. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस चुनाव में भी बीजेपी ने बाबा रामदेव की अनदेखी की. कहा गया कि बीजेपी ने उन लोगों को टिकट देने में अनदेखी की जिनको बाबा का आशीर्वाद मिला था. हालांकि रामदेव ने कभी इस बारे में खुलकर कुछ नहीं कहा.

बताया गया कि इस मामले के बाद बाबा ने अपनी नाराजगी को बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व तक भी पहुंचाया था.

मोदी सरकार के फैसलों पर नाराजगी

योग गुरु ने जब बिजनेस का विस्तार किया तो उन्हें केंद्र सरकार के कई फैसलों पर भी आपत्ति हुई. इसके बाद कई मौकों पर बाबा रामदेव ने मीडिया से बातचीत में संकेत दिए कि वह मोदी सरकार के फैसलों से खफा हैं.

मोदी सरकार के रिटेल बाजार में 100 फीसदी तक एफडीआई को मंजूरी देने के फैसले पर भी बाबा ने आपत्ति जताई थी. बाबा रामदेव ने रिटेल में एफडीआई का विरोध किया था. हालांकि वह इस मुद्दे पर सीधे-सीधे कुछ नहीं बोले. हां, उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे पर कोई राजनीतिक पंगा मोल नहीं लेना चाहते, इसलिए इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहेंगे.

एफडीआई के अलावा रामदेव ने मोदी सरकार की ओर से जीएसटी के जरिए घी, मक्खन को जीएसटी के दायरे में लाए जाने की आलोचना भी की.

अमित शाह से मिले तो पिघल गए रामदेव

हफ्ते भर पहले जब अमित शाह उनसे मिलने पहुंचे तो रामदेव ने पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी को 2019 के चुनाव जीतने का आशीर्वाद दे दिया. मोदी सरकार पर तारीफों को बारिश करते हुए उन्होंने कहा पीएम मोदी को विदेश के ताकतवर नेताओं ने जितना सम्मान दिया उतना देश के किसी पीएम को नहीं मिला.

रामदेव ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में कहा कि, 'मोदी के रूप में भारत को एक देशभक्त नेतृत्व मिला.' रामदेव ने कहा कि मोदी सरकार ने दुनिया में इंटरनेशनल योगा डे को मान्यता दिलाकर भारत का गौरव बढ़ाया है.

दूसरी उपलब्धि गिनाते हुए रामदेव ने कहा कि मोदी सरकार ने भारत में सड़कों का जाल बिछाया. रामदेव ने कहा कि मोदी सरकार की तीसरी सबसे बड़ी उपलब्धि एक देश एक टैक्स रही.

ये भी पढ़ें- योगी सरकार पर रामदेव का खुला हमला, यूपी से शिफ्ट होगा फूड पार्क

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Published: 06 Jun 2018,04:07 PM IST

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