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अकोला सीट पर बीजेपी(BJP) के वसंत खंडेलवाल 110 मतों से जीते. लगातार तीन बार शिवसेना(Shiv Sena) से विधायक रहे गोपीकिशन बाजोरिया को हराकर खंडेलवाल 'जाइंट किलर' बने. खंडेलवाल 438 से 328 मतों से जीते.आंकड़ों के आधार पर, बाजोरिया के पास एमवीए के भागीदारों के 406 मतों के साथ अपने प्रतिद्वंद्वी से काफी आगे थे, जबकि बीजेपी 246 पर थी. जीत का आंकड़ा 822 निर्वाचित और मनोनीत प्रतिनिधियों में से 412 वोट थे.
तो वहीं प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) 86 मतों के साथ चुनाव में प्रमुख भूमिका में थी. तो निर्दलीयों की संख्या 77 थी.
नागपुर की सीट से चंद्रशेखर बावनकुले ने कांग्रेस पुरस्कृत निर्दलीय उम्मीदवार मंगेश देशमुख को हराकर जीत हासिल की.
बीजेपी - 362 वोट
कांग्रेस - 186 वोट
एमवीए के लगभग 16 सदस्यों ने बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की. एमवीए के पास 202 अधिकृत वोट थे.
बता दें कि कांग्रेस ने चुनाव से ठीक पहले अपने उम्मीदवार रविन्द्र (छोटू) भोयर को बदल दिया था और निर्दलीय उम्मीदवार मंगेश देशमुख को समर्थन की घोषणा की थी.गौरतलब है कि इस चुनाव के लिए रविन्द्र भोयर बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे. जो कि बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा था. लेकिन भोयर को उम्मीदवारी देने पर कांग्रेस में सहमति नहीं बन पा रही थी.
नतीजतन आंतरिक विवाद के चलते आखरी वक्त पर उम्मीदवार बदलने की शर्मिंदगी कांग्रेस को उठानी पड़ी थी. कांग्रसे नेता नाना पटोले, मंत्री नितिन राउत और सुनील केदार में उम्मीदवार को लेकर चल रही थी नाराजगी.
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