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लेफ्ट हमें धर्मनिरपेक्षता और मानवाधिकार न सिखाए: कानून मंत्री

रविशंकर प्रसाद ने लेफ्ट आर्गेनाइजेशन पर हमला करते हुए कहा कि कभी अपनी भी सरकार बना लो हमें भी अच्छा लगेगा.

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भारत
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लेफ्ट हमें धर्मनिरपेक्षता और मानवाधिकार न सिखाए : रविशंकर प्रसाद
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लेफ्ट हमें धर्मनिरपेक्षता और मानवाधिकार न सिखाए : रविशंकर प्रसाद
(फाइल फोटो: PTI)

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नागरिकता कानून को लेकर देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लेफ्ट पार्टियों पर निशाना साधा है. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा है कि लेफ्ट अगर अपनी सरकार बना ले तो उन्हें अच्छा लगेगा. इसी के साथ प्रसाद ने कहा कि लेफ्ट से जुड़े लोगों को लेक्चर नहीं देना चाहिए.

हमें धर्मनिरपेक्षता और मानवाधिकार मत सिखाइए : रविशंकर प्रसाद

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, “मैं अपने प्रिय लेफ्टिस्ट दोस्तों से विनम्रतापूर्वक कहना चाहता हूं-अरे भैया! कभी अपनी भी सरकार बना लो हमें भी अच्छा लगेगा. जीत जाओ, हमें हरा दो लेकिन हारे हुए हताश लोग जो हमें बड़े-बड़े लेक्चर देते हैं. हमें उससे परेशानी हो जाती है.”

हमें धर्मनिरपेक्षता, समावेश और मानवाधिकार मत सिखाइए. क्या आपने कभी आतंकवाद से पीड़ित लोगों के मानवाधिकारों के बारे में बात की है? कभी नहीं.
रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री 

एनपीआर के मुद्दे पर बोलते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि "कुछ लोग डॉक्यूमेंट नहीं दिखाएंगे, मगर वो अयोध्या में राम मंदिर के अस्तित्व का प्रमाण मांगेंगे. बजाए इसके कि दुनिया हजारो सालों से अयोध्या में राम मंदिर के अस्तित्व को स्वीकार करती है . ये दोहरा रवैया, पाखंड और बौद्धिक रूप से बेईमानी है.

बता दें नागरिकता कानून को लेकर पिछले 3 महीने से देश भर में प्रदर्शन हो रहे है.

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क्या है नागरिकता कानून ?

यह एक्ट सिटिजनशिप एक्ट, 1955 में संशोधन करता है. इस एक्ट के तहत कोई भी ऐसा व्यक्ति भारतीय नागरिकता हासिल कर सकता है जो भारत में जन्मा हो या जिसके माता/पिता भारतीय हों या फिर वह एक तय समय के लिए भारत में रहा हो. एक्ट में नागरिकता देने के और भी प्रावधान हैं. यह एक्ट अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने से रोकता है.

तय समय तक रहने वाले प्रावधान के तहत सिटिजनशिप एक्ट, 1955 के जरिए ऐसा व्यक्ति भारत की नागरिकता हासिल कर सकता है, जो पिछले 12 महीनों के दौरान भारत में रहा हो, साथ ही पिछले 14 सालों में कम से कम 11 साल भारत में रहा हो. नागरिकता संशोधन बिल 2019, 3 देशों से आए 6 धर्म के लोगों को इस प्रावधान में ढील देने की बात करता है.

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