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ये सारी पंक्तियां सुनकर आपको क्या लगता है? ऐसा कौन और कहां बोल रहा होगा? नहीं...नहीं..सड़क चलता गुंडा नहीं, सोशल मीडिया पर कोई वर्चुअल दबंग भी नहीं.
ये शब्द और पंक्तियां हैं माननीय विधायक जी की, जो वो अपने मुखारविंद से दूसरे विधायक के लिए इस्तेमाल कर रहे थे. जगह है पढ़ी लिखी मानी जानी वाली दिल्ली की विधानसभा. एक और खास बात है बीजेपी के विधायक ओपी शर्मा जिनकी पार्टी के 3 विधायक विधानसभा में हैं वो 67 विधायकों की 'भीड़ वाली पार्टी' के अमानतुल्ला को ऐसे दुत्कार रहे हैं. चलिए एक चीज पॉजिटिव है यहां 'भीड़ तंत्र' का त्वरित रियक्शन नहीं दिखा, वरना तो आप माहौल जान ही रहे होंगे.
विधायक ओपी शर्मा यहीं नहीं रूकते हैं. बेहद प्यार और अपनेपन से अमानतुल्ला को समझा रहे हैं.
चल..चल नीचे बैठ जा..सड़क पर लेटे हैं तेरे जैसे गुंडे
अरे एक बात बताना हम भूल ही गए. दिल्ली विधानसभा जैसी ही जगह पर ओपी शर्मा और अमानतुल्ला जैसे विधायक लोग ही तो कानून बनाते हैं. गुंडागर्दी की रोकथाम से जुड़े कानून, सोशल मीडिया की ट्रोलिंग से जुड़े कानून तो कभी महिला सम्मान की रक्षा से जुड़े कानून.
लोग-बाग घर बैठे-बैठे इन लोगों से उम्मीद करते हैं कि कुछ बेहतरी आएगी. ऐसा कुछ हाहाकारी नहीं हुआ संसद में जो ये कहा जाए कि इस घटना के बाद कुछ बेहतर हो ही नहीं सकता. लेकिन इस बोल चाल के लहजे से साफ दिखता है कि सड़क, न्यूज चैनल और संसद हर जगह 'समानता' है, ऐसी समानता जो आपको डराती है, भयभीत करती है और दिमाग में आशंका भर देती है कि यहां बाहुबलियों का ही राज चलता है.
गुंडागर्दी का ये ट्रेलर आपने देख लिया, इसकी पिक्चर भी बीच-बीच में आप देखते ही होंगे.
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