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उत्तर प्रदेश के हरदोई से सांसद अंशुल वर्मा बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी (एसपी) में शामिल हो गए. अंशुल वर्मा ने समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली.
अंशुल के बीजेपी से इस्तीफा देने के पीछे का कारण उनका टिकट कटना बताया जा रहा है. बीजेपी ने इस बार हरदोई सीट से अंशुल वर्मा का टिकट काटकर जय प्रकाश रावत को अपना उम्मीदवार बनाया है.
हरदोई सीट से मौजूदा सांसद अंशुल वर्मा ने बीजेपी कार्यालय पहुंचकर अपना इस्तीफा कार्यालय के चौकीदार को सौंप दिया. इस दौरान उन्होंने कहा, "विकास किया है, विकास करेंगे, अंशुल थे...अंशुल ही रहेंगे, चौकीदार नहीं कहेंगे."
चौकीदार को इस्तीफा सौंपने के सवाल पर उन्होंने कहा, "आजकल सबसे जिम्मेदार तो चौकीदार ही है, इसलिए मैंने सोचा क्यों न उसे ही अपना इस्तीफा दे दिया जाए. धनकुबेर चौकीदार को इस्तीफा देने का कोई मतलब ही नहीं था."
अंशुल वर्मा ने टिकट कटने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर विकास ही मानक था तो 24 हजार करोड़ रुपये लगाने की और विकास को आखिरी पायदान से चौथे पायदान पर लाने की उन्हें सजा मिली है.
पार्टी से नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा, "सदन में मेरी उपस्थिति 95 प्रतिशत रही है. इसमें मेरा दोष कहां था, यह समझ से परे है."
अंशुल वर्मा ने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली. इस दौरान उन्होंने कहा, ''मैं समाजवादी पार्टी में बिना शर्त शामिल हुआ हूं. टिकट नहीं दिए जाने के पीछे शायद मेरी गलती यह थी कि मैंने पासी समुदाय के एक सम्मेलन के दौरान मंदिर परिसर में शराब बांटने के खिलाफ आवाज उठायी थी.''
उन्होंने कहा, ''मुझे उस पर दु:ख हुआ था और मैंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस बारे में पत्र भी लिखा था.'' वर्मा ने कहा कि उनकी गलती ये भी हो सकती है कि उन्होंने अपने नाम के पहले 'चौकीदार' शब्द नहीं जोड़ा.
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