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महाराष्ट्र में चुनाव पूर्व शिवसेना के साथ गठबंधन के बाद झटका खाई बीजेपी क्या झारखंड में चुनाव पूर्व गठबंधन में नुकसान देख रही है? AJSU के साथ सीटों के बंटवारे के मसले पर बीजेपी के बैकफुट पर न आने के बाद पार्टी से जुड़े सूत्र इस सवाल का जवाब हां में दे रहे हैं.
राज्य की कुल 81 सीटों में बीजेपी अब तक 71 सीटों पर उम्मीदवार उतार चुकी है. सिर्फ 10 सीटें छोड़कर बीजेपी ने गेंद AJSU के पाले में डाल रखी है.
अगर इन सीटों पर AJSU ने रुख साफ नहीं किया तो बीजेपी अपने दम पर सभी सीटों पर लड़ने की तैयारी में है. बीजेपी को लगता है कि चुनाव पूर्व गठबंधन से ज्यादा बेहतर है कि जरूरत के हिसाब से चुनाव बाद गठबंधन करना.
चुनाव पूर्व गठबंधन तब करना मजबूरी होती है, जब पार्टी की हालत खराब हो. 2014 में बीजेपी को सबसे ज्यादा 37 सीटें मिलीं थीं. बीजेपी ने स्थिर सरकार देकर जनता के दिल में जगह बनाई है. बीजेपी मजबूत है और अकेले लक्ष्य हासिल कर सकती है."
झारखंड में सहयोगी AJSU ने कुल 19 सीटें मांगीं थीं, जबकि पिछली बार बीजेपी ने उसे आठ सीटें दीं थीं, जिसमें से उसे पांच सीटों पर जीत मिली थी.
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी को लगा कि महाराष्ट्र की तरह अगर झारखंड में भी उसने गठबंधन में अधिक सीटों पर समझौता किया तो फिर मुश्किल हो सकती है. चुनावी नतीजों के बाद जब शिवसेना साथ छोड़ सकती है तो फिर झारखंड में सहयोगी दल AJSU भी आंख दिखा सकती है.
बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्य के विधानसभा चुनाव प्रभारी ओम माथुर सीटों के बंटवारे और गठबंधन के भविष्य की गेंद फिलहाल AJSU के पाले में डाल चुके हैं. पत्रकारों से बातचीत में वह कह चुके हैं, "बीजेपी ने कुछ सीटें छोड़ी हैं, अब हम AJSU के रुख का इंतजार कर रहे हैं."
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