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Lok Sabha Election: वोटिंग से पहले ही सूरत में BJP उम्मीदवार की जीत, कैसे हुआ संभव?

Surat में तीसरे चरण में 7 मई को वोटिंग होनी है लेकिन उससे पहले ही बीजेपी उम्मीदवार मुकेश दलाल निर्विरोध जीत गए हैं.

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<div class="paragraphs"><p>Lok Sabha Election: वोटिंग से पहले ही सूरत से जीता BJP उम्मीदवार</p></div>
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Lok Sabha Election: वोटिंग से पहले ही सूरत से जीता BJP उम्मीदवार

(Photo- Gujarat BJP/ X)

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Lok Sabha Election 2024: वैसे तो लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे 4 जून को आने हैं लेकिन देश में एक ऐसी सीट भी है जहां वोट डालने से पहले ही बीजेपी जीत गयी है. यह सीट है गुजरात की सूरत लोकसभा सीट. यहां तीसरे चरण में 7 मई को वोटिंग होनी है लेकिन उससे पहले ही बीजेपी उम्मीदवार मुकेश दलाल निर्विरोध जीत गए हैं.

कांग्रेस उम्मीदवार का पर्चा क्यों हुआ रद्द?

सूरत सीट से कांग्रेस के नीलेश कुंभानी की उम्मीदवारी रविवार, 21 अप्रैल को खारिज कर दी गई. जिला निर्वाचन अधिकारी ने पहली नजर में यह पाया कि नीलेश कुंभानी के प्रस्तावकों के जो हस्ताक्षर थे, उनमें विसंगतियां थीं.

इसके साथ-साथ कांग्रेस के बैकअप उम्मीदवार सुरेश पडसाला का भी नामांकन फॉर्म अमान्य कर दिया गया.

NDTV की रिपोर्ट के अनुसार रिटर्निंग ऑफिसर सौरभ पारधी ने अपने आदेश में कहा कि नीलेश कुंभानी और सुरेश पडसाला ने जो चार नामांकन फॉर्म भरे थे, उसमें प्रस्तावकों के हस्ताक्षर वास्तविक नहीं लग रहे थे और इस वजह से खारिज कर दिए गए.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार नीलेश कुंभानी के तीन प्रस्तावकों ने कहा था कि उन्होंने तो नामांकन फॉर्म पर हस्ताक्षर किए ही नहीं थे. इसके बाद रिटर्निंग ऑफिसर सौरभ पारधी ने नीलेश कुंभानी से इसपर स्पष्टीकरण मांगा था. रिपोर्ट के अनुसार कुंभानी ने बताया था कि उन्होंने अपने प्रस्तावकों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनका पता नहीं चल रहा. वे या तो अंडरग्राउंड हो गए हैं या उनका अपहरण कर लिया गया है.

इसके बाद रविवार 21 अप्रैल को रिटर्निंग ऑफिसर ने सुबह 11 बजे भारी पुलिस सुरक्षा के बीच अपने ऑफिस में विशेष सुनवाई की. इसके बाद तीनों प्रस्तावकों के हस्ताक्षर को पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और बिक्री के कागजातों से मिलाया. फिर यह फैसला सुनाया कि हस्ताक्षर एक से नहीं थी, उसमें गड़बड़ी थी.

खास बात है कि कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभानी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि, तीनों प्रस्तावक उनके साले, भतीजे और बिजनेस पार्टनर हैं.

BSP उम्मीदवार और निर्दलीयों ने पर्चा वापस लिया

वहीं दूसरी तरफ यहां से BSP के प्रत्याशी प्यारेलाल ने अपना फॉर्म वापस ले लिया है.

कांग्रेस के उम्मीदवार का फॉर्म रिजेक्ट होने के बाद 9 उम्मीदवार मैदान में बचे थे. BSP के उम्मीदवार प्यारेलाल भारती सहित 8 अन्य और निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी अपना नाम वापस ले लिया और बीजेपी के मुकेश दलाल बिना लड़े ही चुनाव जीत गए.
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CM भूपेंद्र पटेल ने दी बधाई

मुकेश दलाल की जीत पर गुजरात के CM और बीजेपी नेता भूपेंद्र पटेल ने बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि

"सूरत लोकसभा सीट से प्रत्याशी श्री मुकेश भाई दलाल को निर्विरोध निर्वाचित होने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. यह लोकसभा चुनाव में गुजरात समेत पूरे भारत में भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक जीत की शुरुआत है. यह गुजरात की सभी 26 सीटों पर बीजेपी की प्रचंड जीत के साथ कमल खिलने और माननीय मोदी जी के नेतृत्व में अब की बार 400 पार के संकल्प के साकार होने का स्पष्ट संकेत है."

वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सूरत सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार का पर्चा खारिज होने पर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, "मोदी के न्याय काल में एमएसएमई मालिकों और व्यवसायियों के संकट और गुस्से ने बीजेपी को इतनी बुरी तरह से डरा दिया है कि वे सूरत लोकसभा को "मैच फिक्स" करने का प्रयास कर रहे हैं, जिसे उन्होंने 1984 के लोकसभा चुनावों से लगातार जीता है. हमारे चुनाव, हमारा लोकतंत्र, बाबा साहेब अंबेडकर का संविधान- सभी एक पीढ़ीगत खतरे में हैं. यह हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण चुनाव है."

बता दें कि 63 वर्षीय मुकेश दलाल बीजेपी शासित सूरत नगर निगम की पूर्व स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं और वर्तमान में पार्टी की सूरत शहर इकाई के महासचिव हैं.

आईएनएस की रिपोर्ट के अनुसार गुजरात में लोकसभा चुनाव में ये पहला मौका है जब कोई प्रत्याशी निर्विरोध चुनाव जीता है. मुकेश दलाल बीजेपी की और से भी पहले उम्मीदवार हैं जो निर्विरोध जीते हैं और देश में अब तक 29वें उम्मीदवार हैं जिन्होंने लोकसभा का चुनाव निर्विरोध जीता है.

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