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कोरोना वायरस संकट की दूसरी लहर का हाहाकार थमना शुरू हुआ ही था कि देश में ब्लैक फंगस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है और ये महामारी का रूप लेने लगा है. केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से कहा है कि ब्लैक फंगस के असर को देखते हुए इसे महामारी घोषित करने पर फैसला करें. अब तक कम से कम तीन राज्यों राजस्थान, तेलंगाना, तमिलनाडु ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर भी दिया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि जरूरत पड़ी तो दिल्ली में भी इसे महामारी घोषित करेंगे.
गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड , राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना राज्यों में ब्लैक फंगस (म्यूकोमाइकोसिस) इंफेक्शन के मामले तेजी से सामने आ रहे है. राज्य सरकारों ने इस रोग को रोकने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 के तहत ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करने के लिए राज्यों को कहा है. राजस्थान, तेलंगाना, तमिलनाडु ऐसा कर चुके हैं और कई राज्य इस पर विचार कर रहे हैं.
अब सभी सरकारी और प्राइवेट स्वास्थ्य सेवाओं को इलाज के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और ICMR की गाइडलाइन को फॉलो करना होगा.
ब्लैक फंगस के केस बढ़ने के साथ इसके उपचार में काम आने वाली दवाओं की किल्लत और कालाबाजारी की खबरें आ रही हैं. इलाज में इस्तेमाल किया जाने वाला एंटी-फंगल ड्रग Amphotericin B मरीजों तक नहीं पहुंच पा रहा है.
दवा की कमी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से इसे लेकर सवाल पूछा. जवाब में केंद्रीय राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा- ब्लैक फंगस की दवा Amphotericin B' की कमी की दिक्कत को जल्द हल किया जाएगा. 3 दिन के अंदर 5 और कंपनियां इस दवा का उत्पादन शुरू कर देंगी, उन्हें मंजूरी दे दी गई है. पहले से ही 6 फार्मा कंपनियां इस दवा को बना रही हैं.
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि राज्य में ब्लैक फंगस के करीब 1500 मामले हैं. राजस्थान में भी 100 केस आ चुके हैं. राजधानी दिल्ली में सर गंगाराम अस्पताल में 40 केस रिपोर्ट किए गए हैं, और मैक्स अस्पताल में 25 मामले आए हैं.
उत्तर प्रदेश के लखनऊ के किंग्स जॉर्ज कॉलेज में ब्लैक फंगस के 50 मरीज हैं. हरियाणा में अब तक 115 मामले सामने आ चुके हैं. उत्तराखंड में अब तक दो लोगों की ब्लैक फंगस की वजह से जान जाने की खबर है.
सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों में Amphotericin B इंजेक्शन को लेकर SOS मैसेज में तेजी देखी गई है. कई लोग अपने परिजनों और जानने वालों के लिए इंजेक्शन लेने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं.
ब्लैक फंगस के बाद अब व्हाइट फंगस के मामले आना भी शुरू हो गए हैं. बिहार की राजधानी पटना से व्हाइट फंगस के 4 केस आए हैं. राहत की बात ये है कि डॉक्टर्स ने इन्हें एंटी फंगल दवाएं देकर रिकवर कर दिया है.
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि व्हाइट फंगस ब्लैक फंगस से भी ज्यादा खतरनाक है. डॉक्टर बताते हैं कि व्हाइट फंगस भी फेफड़ों में कोरोना की तरह ही फैलता है और पैच बनाता है, जिन्हें टेस्ट के जरिए शुरुआती स्टेज में पहचानना जरूरी होता है
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