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रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्णब गोस्वामी को फिलहाल कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है. उन्हें अभी जेल में ही रहना होगा. अर्णब गोस्वामी की तरफ से बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी गई है, साथ ही ये भा अपील की गई है कि इंटीरियर डिजाइन अन्वय नाइक के सुसाइड मामले में जो उनके खिलाफ एफआईआर हुई है उसे रद्द कर दिया जाए. लेकिन कोर्ट ने अब इस मामले की सुनवाई शुक्रवार 6 नवंबर तक के लिए टाल दी है.
अर्णब गोस्वामी की तरफ से सीनियर एडवोकेट हरीष साल्वे और अदार पोंडा ने पक्ष रखा और कहा कि उन्हें अंतरिम राहत दी जाए. वकीलों ने कहा कि अर्णब को तब तक बेल दी जाए जब तक इन याचिकाओं पर सुनवाई होती है.
लेकिन जस्टिस एसएस शिंदे और एमएस कार्णिक की बेंच ने कोई भी अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया.
इस दौरान अर्णब गोस्वामी के वकीलों ने बार-बार एक ही बात पर जोर देते हुए कहा कि 2018 के इस केस को दोबारा खोलना गैरकानूनी है. यानी इसे गैरकानूनी तरीके से खोला गया. साथ ही ये भी कहा गया कि अर्णब को और हिरासत में रखना भी सही नहीं है. इसीलिए उन्हें तुरंत जमानत दी जानी चाहिए.
इससे पहले अर्णब के वकीलों ने सेशंस कोर्ट में अर्णब की जमानत याचिका दायर की थी. लेकिन इस याचिका पर सुनवाई के लिए उन्हें कोई तारीख नहीं मिली. जिसके बाद लाइव लॉ के मुताबिक अब इस जमानत याचिका को वापस ले लिया गया है.
बता दें कि अर्णब गोस्वामी को 4 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उन्हें अलीबाग कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट में चली लंबी सुनवाई के बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत पर जेल भेज दिया गया. पुलिस ने उनकी कस्टडी की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.
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