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दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार, 21 मई को बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न से जुड़े मामले में आरोप तय किए. उन पर भारतीय दंड संहिता के तहत यौन उत्पीड़न, महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए बल का प्रयोग करने और आपराधिक धमकी देने का आरोप है.
इसके बाद अदालत ने बृजभूषण सिंह पर औपचारिक रूप से आरोप तय किये और बृजभूषण शरण सिंह से जरूरी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए हैं.
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष शरण सिंह ने अपने ऊपर लगे सारे आरोपों से इनकार किया है और ट्रायल चलाए जाने की मांग की.
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, "आरोप तय हो गए हैं, अब दिल्ली पुलिस को उन्हें साबित करना है. मेरे पास अपनी बेगुनाही का सबूत है. ये झूठे मामले हैं. यह एक कानूनी प्रक्रिया है, हमें उसका पालन करना होगा."
बृजभूषण सिंह से सवाल पूछा गया कि क्या इन आरोपों के कारण उनका टिकट काट लिया गया है? उन्होंने जवाब दिया, "मेरे बेटे को टिकट मिल गया है."
उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार बीजेपी ने टिकट नहीं दिया है. बृजभूषण की जगह, उनके सबसे छोटे बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से बीजेपी ने नामांकन के आखिरी दिन टिकट देने का ऐलान किया था. कैसरगंज लोकसभा सीट से बृज भूषण तीन बार सांसद बने हैं.
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