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भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brijbhushan Singh) के खिलाफ यौन शोषण मामले में दिल्ली पुलिस ने अदालत में अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी है. बृजभूषण शरण सिंह को राहत मिलती दिख रही है क्योंकि नाबालिग के मामले में दिल्ली पुलिस ने कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल कर POCSO केस हटाने की सिफारिश की है. कैंसिलेशन रिपोर्ट उन मामलों में दायर की जाती है जब कोई पुष्टिकारक सबूत नहीं मिलता है.
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि पहलवानों द्वारा दर्ज प्राथमिकी में, जांच पूरी होने के बाद, हम आरोपी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 354, 354 ए, 354 डी के तहत और उनके पूर्व सेक्रेटरी विनोद तोमर के खिलाफ आईपीसी की धारा 109, 354, 354 ए, 506 के तहत आरोप पत्र दाखिल कर रहे हैं.
IPC की धारा 354: महिला की इज्जत भंग करने के उद्देश्य से उसका उत्पीड़न या आपराधिक बल का प्रयोग
IPC की धारा 354 ए: यौन उत्पीड़न और यौन उत्पीड़न के लिए सजा
IPC की धारा 354 डी: पीछा/स्टॉकिंग के लिए सजा निर्दिष्ट करता है
IPC की धारा 109: अपराध के लिए उकसाने के लिए दण्ड
IPC की धारा 354: महिला की इज्जत भंग करने के उद्देश्य से उसका उत्पीड़न या आपराधिक बल का प्रयोग
IPC की धारा 354 ए: यौन उत्पीड़न और यौन उत्पीड़न के लिए सजा
IPC की धारा 506: आपराधिक धमकी
बृजभूषण सिंह के खिलाफ एक नाबालिग समेत 7 महिला पहलवानों ने यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं. उनके खिलाफ 2 FIR दर्ज हैं, जिसमें एक पॉक्सो के तहत है. ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया समेत देश के कई बड़े पहलवान बृजभूषण सिंह के खिलाफ जनवरी से ही प्रदर्शन कर रहे हैं. जनवरी में सरकार के आश्वासन के बाद पहलवानों ने प्रदर्शन खत्म कर दिया था.
किसी तरह की कार्यवाही न होने के बाद अप्रैल में फिर से अपना प्रदर्शन शुरू कर दिया, हालांकि इसके महीने भर बाद 5 जून को पुलिस ने पहलवानों को हिरासत में लेकर जंतर-मंतर पर उनके प्रदर्शन स्थल को खत्म कर दिया था.
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