Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019BSF जवानों को दिए जाने वाले खाने को लेकर संसदीय पैनल ने जताई चिंता

BSF जवानों को दिए जाने वाले खाने को लेकर संसदीय पैनल ने जताई चिंता

संसदीय समिति के अध्यक्ष बीजेपी सांसद मुरली मनोहर जोशी हैं

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
BSF जवानों को दिए जाने वाले खराब खाने पर चिंतित है संसदीय पैनल
i
BSF जवानों को दिए जाने वाले खराब खाने पर चिंतित है संसदीय पैनल
(फाइल फोटो: Reuters)

advertisement

सेंट्रल ऑर्म्ड फोर्सेज की चुनौतियों पर बनाई गई संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में BSF जवानों को दिए जाने वाले खराब खाने की चिंता जताई है. संसद की आकलन समिति ने अपनी रिपोर्ट लोकसभा में रखी है. समिति मंत्रालयों के कामकाज की समीक्षा करती है. इसका नेतृत्व बीजेपी सांसद बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी कर रहे हैं.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, आकलन समिति ने सिफारिश की है कि सीमा पर तैनात पैरामिलिट्री फोर्सेज को भी वो सारी सुविधाएं दी जानी चाहिए, जो सेना के जवानों को दी जाती हैं. खराब खाने की दिक्कत दूर करने के लिए समिति का सुझाव है कि खाने को बनने की जगह पर ही चख लिया जाए ताकि क्वालिटी का पता चल जाए.

क्यों ये समिति बनाई गई? BSF का जिक्र क्यों?

पिछले साल बीएसएफ के एक जवान तेज बहादुर ने खराब खाने को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया था. वीडियो पर काफी विवाद हुआ था. यहां तक की आर्मी चीफ ने सभी जवानों को सोशल मीडिया से दूर रहने की सलाह भी दी थी. समिति ने सोशल मीडिया पर ऐसे भ्रामक प्रचारों पर भी चिंता जताई है. रिपोर्ट के मुताबिक, खराब खाने को लेकर समिति ने गृह मंत्रालय और पैरा मिलिट्री फोर्सेज के बड़े अधिकारियों से जानकारी मांगी थी, जिसका सही-सही जवाब उसे नहीं मिल सका है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

समिति का क्या कहना है?

समिति का कहना है कि गुणवत्ता वाले खाना सिर्फ पैरामिलिट्री फोर्सेज की जरूरत ही नहीं है, बल्कि इससे जवानों का मनोबल भी पढ़ता है. ऐसे में ये सिफारिश की गई है कि जवानों को जो खाना दिया जाए वो शुरुआत में टेस्ट कर लिया जाए, जिसे पता चल सके कि उन्हें दिए जाने वाले काने में कितना न्यूट्रीशन और हाइजिन का स्तर है.

DRDO से मदद की सिफारिश की

समिति ने ये भी सुझाव दिया है कि पैरामिलिट्री फोर्सेज की चिंताओं को दूर करने के लिए डिफेंस रिसर्ज एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO)की भी मदद ली जा सकती है. इस एजेंसी के पास अलग से डिफेंस फूड रिसर्ज लैबोरेटरी है, जो काफी मदद कर सकती है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 19 Mar 2018,07:49 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT