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सेंट्रल ऑर्म्ड फोर्सेज की चुनौतियों पर बनाई गई संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में BSF जवानों को दिए जाने वाले खराब खाने की चिंता जताई है. संसद की आकलन समिति ने अपनी रिपोर्ट लोकसभा में रखी है. समिति मंत्रालयों के कामकाज की समीक्षा करती है. इसका नेतृत्व बीजेपी सांसद बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी कर रहे हैं.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, आकलन समिति ने सिफारिश की है कि सीमा पर तैनात पैरामिलिट्री फोर्सेज को भी वो सारी सुविधाएं दी जानी चाहिए, जो सेना के जवानों को दी जाती हैं. खराब खाने की दिक्कत दूर करने के लिए समिति का सुझाव है कि खाने को बनने की जगह पर ही चख लिया जाए ताकि क्वालिटी का पता चल जाए.
पिछले साल बीएसएफ के एक जवान तेज बहादुर ने खराब खाने को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया था. वीडियो पर काफी विवाद हुआ था. यहां तक की आर्मी चीफ ने सभी जवानों को सोशल मीडिया से दूर रहने की सलाह भी दी थी. समिति ने सोशल मीडिया पर ऐसे भ्रामक प्रचारों पर भी चिंता जताई है. रिपोर्ट के मुताबिक, खराब खाने को लेकर समिति ने गृह मंत्रालय और पैरा मिलिट्री फोर्सेज के बड़े अधिकारियों से जानकारी मांगी थी, जिसका सही-सही जवाब उसे नहीं मिल सका है.
समिति का कहना है कि गुणवत्ता वाले खाना सिर्फ पैरामिलिट्री फोर्सेज की जरूरत ही नहीं है, बल्कि इससे जवानों का मनोबल भी पढ़ता है. ऐसे में ये सिफारिश की गई है कि जवानों को जो खाना दिया जाए वो शुरुआत में टेस्ट कर लिया जाए, जिसे पता चल सके कि उन्हें दिए जाने वाले काने में कितना न्यूट्रीशन और हाइजिन का स्तर है.
समिति ने ये भी सुझाव दिया है कि पैरामिलिट्री फोर्सेज की चिंताओं को दूर करने के लिए डिफेंस रिसर्ज एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO)की भी मदद ली जा सकती है. इस एजेंसी के पास अलग से डिफेंस फूड रिसर्ज लैबोरेटरी है, जो काफी मदद कर सकती है.
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