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उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के स्याना गांव इलाके में कथित गोकशी के शक में फैली हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का कत्ल कर दिया गया. इसके बाद अब यूपी पुलिस पूरे एक्शन मोड में है और दोषियों की तलाश में है. पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को पकड़ लिया है लेकिन मुख्य आरोपी और बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हुआ. इस मामले में 87 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की जा चुकी है.
पुलिस ने योगेश राज पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है. उसके खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बाद तलाश शुरू कर दी है. ऐसा कहा जा रहा है कि घटना के दौरान शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह ने उसे समझाने का प्रयास किया था लेकिन वो नहीं माना. हिंसा को भड़काने और लोगों को उक्साने में योगेश राज का ही बड़ा हाथ बताया जा रहा है. पुलिस ने उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 302, 333, 353, 427, 436, 394 के तहत मामला दर्ज किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक योगेश राज साल 2016 से बजरंग दल का मेंबर है.
आप ये नीचे वीडियो देख सकते हैं जहां योगेश राज सड़क पर जाम न खोलने की धमकी दे रहा है....
योगेश राज को तो पुलिस ने मुख्य आरोपी बनाया है लेकिन उसके संगठन ‘बजरंग दल’ को लेकर पुलिस ने चुप्पी साध रखी है. एफआईआर में ये जिक्र तो है कि योगेश राज ने अपने साथियों के साथ मिलकर हिंसा की लेकिन वो साथी किस संगठन के थे ये बात कहने में पुलिस हिचकिचा रही है. दरअसल एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार से जब बजरंग दल और अन्य हिंदू संगठनों के इस हिंसा में जुड़े होने की बात पूछी गई तो उन्होंने कहा कि, “मैं सिर्फ आरोपियों के नाम बताऊंगा , किसी भी संगठन के इसमें शामिल होने की बात नहीं है. संगठन का नाम लेना उचित नहीं ”
आपको बता दें कि इस केस में मुख्य आरोपी योगेश राज के अलावा पुलिस ने बीजेपी यूथ विंग के सदस्य शिखर अग्रवाल और विश्व हिंदू परिषद के सदस्य उपेंद्र राघव के खिलाफ भी हिंसा भड़काने का मामला दर्ज किया गया है.
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